
तिल्दा नेवरा-तिल्दा बैकुंठ में संचालित आदित्य बिडला पब्लिक स्कूल की प्राचार्य को हटाने के लिए बुधवार को विधायक प्रमोद शर्मा, जिला पंचायत सदस्य राजू शर्मा और विधायक प्रतिनिधि आदर्श अग्रवाल के नेतृत्व में सैकड़ों पालको और सेंचुरी संयंत्र के मजदूरों ने संयंत्र के गेट के सामने 9 घंटे घंटे से भी अधिक समय तक धरना दिया, तब जाकर संयंत्र प्रबंधन एवं प्रशासन जागा और स्कूल की प्राचार्य नीरजा तिवारी को परीक्षाओं के बाद अप्रैल में हटाने का ऐलान किया.. उसके बाद धरना समाप्त करने की घोषणा की गई..
एक समय था जब बैकुंठ का सीमेंट संयंत्र सेंचुरी सीमेंट एजुकेशन हब के नाम से जाना जाता था, यहां का एजुकेशन इतना अच्छा माना जाता था कि इस स्कूल में दाखिले के लिए लोग सिफारिश लेकर पहुचते थे| इसी बीच अल्ट्राटेक के नाम पर आदित्य बिरला ने इस संयंत्र को खरीद लिया.. और स्कूल का नाम भी बदलकर आदित्य बिरला पब्लिक स्कूल कर दिया गया.. इसके बाद स्कूल के सारे नियम कायदे भी बदल दिए गए और स्कूल की जिम्मेदारी प्राचार्य नीरजा तिवारी को दी गई.. कुछ दिनों के बाद प्राचार्य के व्यवहार से न केवल टीचर बल्कि पालक और स्टूडेंट घुटन महसूस करने लगे.. कई बार पालको ने प्राचार्य के तुगलकी फरमान और नियमों का विरोध भी किया लेकिन प्रबंधन और स्कूल समिति पर इसका कोई असर नहीं पड़ा…
पालकों ने बताया कि प्राचार्य नवंबर में अचानक ने फीस बढ़ा दी और जब इस संदर्भ में पालक उनसे चर्चा करने स्कूल गए तो उन्होंने उनसे दुर्व्यवहार कर स्कूल से बाहर जाने को कह दिया,, जिसके बाद पालक आक्रोशित हो गए और लगातार एक महीने तक प्राचार्य को हटाने के लिए धरना प्रदर्शन करते रहे.. लंबे समय तक हड़ताल के बाद भी जब प्राचार्य को नहीं हटाया गया तो पालकों ने विधायक प्रमोद शर्मा से मुलाकात की और अपनी समस्या से अवगत कराया..जिसके बाद प्रमोद शर्मा ने प्रबंधन को चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि दिसंबर तक प्राचार्य को नहीं हटाया गया तो वे 18 जनवरी से संयंत्र के मेन गेट पर धरना प्रदर्शन शुरू कर देंगे.. लेकिन विधायक की चेतावनी को भी संयंत्र प्रबंधन ने गंभीरता से नहीं लिया और बुधवार को विधायक सुबह सैकड़ों पालको और मजदूरों के साथ बैकुंठ संयंत्र पहुंच गए और मेन गेट पर प्रदर्शन करते हुए धरने पर बैठ गए.. इसके बाद हालात यह रहे कि न कोई मजदूर संयंत्र के अंदर जा पाया और ना ही को कोई बाहर आ पाया| बाद में प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा और दोपहर 2 बजे तहसीलदार मौके पर पहुंची और त्रिपक्षीय वार्ता हुई जिसमे यह तय किया गया कि परीक्षाओं के बाद 17 अप्रैल को नीरजा तिवारी को हटा दिया जाएगा.. बैठक में यह भी तय किया गया कि प्राचार्य को हटाने के लिए की गई हड़ताल में शामिल होने वाले मजदूरों पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी..ना ही तनख्वाह काटी जाएगी |
प्रमोद शर्मा ने कहा प्राचार्य की तानाशाही के बाद भी प्रबंधन ने ध्यान नहीं दिया जिसके कारण उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा… उधर जब इस संदर्भ में नीरजा तिवारी से चर्चा की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया| धरना प्रदर्शन में किसान नेता राजू शर्मा. जितेंद्र पाल, तुलसी गौतम,अशोक यादव. अजय तिवारी. मिनेश नायक. विशेष रूप से शामिल हुए