रायपुर तिल्दा के खरोरा स्थित एक मशरूम कंपनी से बड़ी संख्या में महिला-पुरुष व बच्चों को महिला बाल विकास विभाग ने रेस्क्यू किया है। कंपनी के संचालकों ने इन मजदूरों को 4-5 माह से बंधक बनाकर रखा था। उन्हें मजदूरी भी नहीं दे रहे थे ना ही उन्हें घर जाने दे रहे थे। बीते दिनों कुछ मजदूर वहां से किसी तरह बाहर निकले और शिकायत की।
शिकायत पर महिला बाल विकास विभाग ने कुल 97 लोगों को कंपनी से रेस्क्यू किया। सभी को बूढ़ापारा के इंडोर स्टेडियम में लाकर रखा गया। इसके बाद मजदूरी के पैसे दिलवाकर उन्हें वापस घर रवाना किया गया। फिलहाल इस मामले में कंपनी संचालक के खिलाफ आगे की कार्रवाई जारी है।

महिला बाल विकास विभाग रायपुर डीपीओ शैल ठाकुर ने बताया कि, खरोरा स्थित उमाश्री राइस मिल के अंदर मोजो मशरूम फैक्ट्री संचालित है। हमें सूचना मिली थी कि यहां यूपी और एमपी के कुछ मजदूरों को बंधक बनाकर रखा गया है। टीम ने पुलिस की मदद से वहां छापा मारा।
देखा कि वहां सैकडों मजदूर अपने बच्चों के साथ दयनीय स्थिति में रह रहे थे। सभी को रेस्क्यू कर इंडोर स्टेडियम में लाया गया। कंपनी के संचालकों को भी यहां बुलाकर उनसे मजदूरों के पैसे दिलाए गए। सभी मजदूरों को उनके घर भेज दिया जाएगा।
छुड़ाए गए मजदूरों की आपबीती…
काम ना करो तो मारते थे जौनपुर से आई सीता ने बताया कि, वह 4-5 माह पहले जौनपुर से काम करने आई थी। लेकिन यहां 24 घंटे सिर्फ उनसे काम करवाया जाता था। थककर कुछ देर बैठ जाओ तो संचालक आकर मारपीट करते थे। पैसे मांगे तो गाली गलौच देकर भगा देते थे।
खाना भी नसीब नहीं जौनपुर के सोनू ने बताया कि हमें बताया कुछ और गया था, लाकर यहां कुछ और ही काम करवा रहे थे। 1 बार खाना देते थे। समय निकल गया तो वो भी नसीब नहीं होता था। हमसे जानवरों जैसा बरताव किया जाता था। पैसे मांग लो तो मारपीट और गाली गलौच करते थे।
बेल्ट-डंडे से भी मारते थे काजल ने बताया कि, एक टाइम खाना देते थे और सभी से किसी भी समय उठाकर काम करवाते थे। काम ना करो तो कंपनी के मालिक डंडों और बेल्ट से मारते थे। मेरे साथ मेरी मां, भाई और बच्चे भी हैं, उनके सामने मारपीट करते थे।
एसएसपी से कर चुके हैं शिकायत कंपनी में ही काम करने वाले जौनपुर निवासी रवि ने रायपुर एसएसपी से इसकी शिकायत की थी। रवि ने शिकायत में बताया था कि, वह करीब 1 माह से उस फैक्ट्री में काम कर रहा है। जौनपुर निवासी विपिन तिवारी, विकास तिवारी और नितेश तिवारी जो अपने आप को मशरूम कंपनी के संचालक कहते थे, उन्होंने गोलू, उसकी बहन समेत 8 लोगों को यह बोलकर लाया था कि यहां ज्यादा मेहनत वाला काम नहीं है, सिर्फ खाना बनाना है और घरेलू काम करना है।
जब वे कंपनी पहुंचे तो उनसे कभी भी किसी भी समय मशरूम लगाने, काटने, सामान उठवाने, मशीन चलवाने आदि बेहद कठिन काम करवाता था। रात को नहीं उठते तो उनसे मारपीट की जाती थी। सभी का मोबाइल और पहचान पत्र आदि भी छीन लिया गया था। काम के बाद पैसे की मांग की जाती थी तो मारपीट करने लगते थे।
2 जुलाई को किसी तरह बचकर भागे और जैसे तैसे पुलिस के पास पहुंचे। रवि ने बताया कि, उसकी बहन लक्ष्मीना, रिनका, सीमा, बबलू, सुनील और दो अबोध बच्चों समेत अन्य कई लोगों को वहां बंधक बनाकर रखा गया है।