भिलाई -छत्तीसगढ़ के भिलाई नगर निगम ने खेतों को छोटे-छोटे टुकड़ों में बेचकर उनकी रजिस्ट्री करने के खिलाफ 60 से ज्यादा किसानों को नोटिस जारी किया है..।उधर नोटिस नाराज किसानों ने निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है..। किसानों का कहना है कि 7 साल पहले हम खेत बेचे हैं, लेकिन भू-माफिया ने प्लाटिंग की है, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए..।
भिलाई नगर निगम कमिश्नर ने 29 मई को 60 से ज्यादा किसानों को नोटिस जारी कर जवाब माँगा है किस किस किसान में टुकडो में जमीं बेचीं है ।दरअसल दुर्ग उप पंजीयक ने निगम को पत्र लिखा है…। पत्र में बताया गया है कि नगर निगम भिलाई क्षेत्र में अवैध प्लाटिंग के सबूत मिले हैं…। इसके बाद नोटिस जारी किया गया है।आयुक्त ने नोटिस में लिखा कि किसानों ने अपनी जमीन प्लाटिंग करके बेची है, जो नगर निगम अधिनियम और कॉलोनाइजर कंडीशन नियमों के तहत यह गलत है…। इसलिए सभी किसानों से 15 दिन के अंदर जवाब मांगा गया है। नोटिस के बाद अब किसानों को जेल जाने का डर सताने लगा है।
नोटिस में साफ लिखा है कि अगर किसान संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ 3 से 7 साल की सजा और एक लाख रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है। इससे किसान काफी डरे हुए हैं और वे इसके खिलाफ कलेक्टर से गुहार लगाने जा रहे हैं।क्षेत्र के भाजपा नेता मयंक गुप्ता का कहना है कि उन्होंने इस समस्या से सांसद विजय बघेल को अवगत कराया है। उनका कहना है कि अवैध प्लॉटिंग के लिए मूल रूप से रजिस्ट्रार, तहसीलदार और निगम प्रशासन जिम्मेदार है।मयंक गुप्ता कहा कि जब भू-माफिया रजिस्ट्रार को कमीशन देकर छोटे-छोटे टुकड़ों में किसानों की जमीन की रजिस्ट्री कराते हैं, तो पंजीयक को उस समय उसे रोकना चाहिए। साथ ही तहसीलदार को उसका नामांतरण रोकना चाहिए। निगम को मकान निर्माण नहीं करने देना चाहिए।
कुरुद निवासी धानूराम साहू का कहना है कि वो कुरुद गांव के निवासी हैं। अपनी जमीन उमेश गुप्ता नाम के जमीन दलाल को 86 लाख रुपए एकड़ में बेची थी। उसने उस जमीन का एग्रीमेंट पूरा किया, लेकिन बाद में उसे छोटे-छोटे टुकड़ों में प्लॉटिंग कर जमीन बेची है। ऐसे में नोटिस या कार्रवाई उमेश गुप्ता के नाम पर होनी चाहिए।कुरुद गांव निवासी आनंदराम साहू का कहना है कि ढांचा भवन निवासी शंभू भेलावे और गदा चौक निवासी मंतोष यादव ने उनसे धोखे में जमीन खरीदी। उन्होंने एक साथ पूरे खेत का सौदा किया, एग्रीमेंट किया और फिर टुकड़ों में प्लॉटिंग करके उनसे रजिस्ट्री करवाई।ऐसे में जिला प्रशासन किसानों को नोटिस भेज रहा है, जो कि गलत है। उसे चाहिए कि दलाल और भू-माफिया को नोटिस देकर कार्रवाई करे जिन्होंने ये कार्य किया है।
नोटिस मिलने से किसान नाराज व आक्रोशित है, उनका कहना है कि हमने अपनी जमीन बेची थी। जमीन खरीददार ने अधिकारियों को कमीशन देकर छोटे-छोटे टुकड़ों में रजिस्ट्री कराई और उसे भेज दिया नोटिस हमको दिया जा रहा है। किसानों का कहना है कि अगर सही जांच की जाए तो कई अधिकारी और भू मासिक माफिया इस मामले में फंस सकते हैं वीरो रिपोर्ट वीसीएन टाइम्स भिलाई