छत्तीसगढ़ के चुनावी समर में नेता प्रतिपक्ष डॉ चरण दास महंत का बयान लगातार सियासी पारा हाई कर रही है। बयान कोई लेकर लगातार हो रहे विरोध के बीच प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजनांदगांव लोकसभा प्रत्याशी भूपेश बघेल भी महंत के बचाव में उतर गए हैं।
बघेल ने सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए लिखा उनका आशय घमंड तोड़ने से था। इस मुहावरे को भाजपा के नेता नहीं समझ सकते। वे छत्तीसगढ़ी भाषा संस्कृति को नहीं समझते।
बघेल ने अपने पोस्ट में ये लिखा
जो कुछ नेता प्रतिपक्ष आदरणीय चरणदास महंत जी ने कहा वह छत्तीसगढ़ी भाषा के मुहावरे में कही गई बात है। लोकोक्तियों से समृद्ध छत्तीसगढ़ी भाषा को जानने समझने वाला और छत्तीसगढ़ी लोक जीवन से जुड़ा हर व्यक्ति इसे जानता है। उनका आशय घमंड तोड़ने से था। इस मुहावरे को भाजपा के नेता नहीं समझ सकते। वे छत्तीसगढ़ी भाषा संस्कृति को नहीं समझते।
इस तथ्य के बावजूद महंत जी ने विनम्रता से कहा है कि अगर इसका ग़लत अर्थ निकाला गया है तो वे खेद व्यक्त करते हैं।
हम महात्मा गांधी की पार्टी के लोग हैं। हम हिंसा पर न भरोसा करते हैं न हिंसा हमारी सोच का हिस्सा है। हम अहिंसक विचारधारा के लोग हैं।
जहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का सवाल है, तो हम उन्हें लोकतांत्रिक ढंग से परास्त करना चाहते हैं। उनका घमंड तोड़ना चाहते हैं। उनके प्रति कोई अनादर हमारे मन में नहीं है। वे स्वस्थ रहें, दीर्घायु हों।