प्रवर्तन निदेशालय ने पांच दिन पूर्व मार्कफेड के पूर्व एमडी और छत्तीसगढ़ के कुछ राइस मिलर्स के ठिकानों पर की कार्रवाई को लेकर खुलासा किया है। ED ने अपने ऑफिशियल X अकाउंट पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा है- 20-21 अक्टूबर को मार्कफेड के पूर्व MD, छत्तीसगढ़ राइस मिलर्स संगठन के कोषाध्यक्ष और कुछ सदस्यों, जिला मार्केटिंग ऑफिसर और कुछ राइस मिलर्स और कस्टम मिलिंग से जुड़े हुए लोगों के घर पर जांच की गई।
प्रदेश में हुए चावल घोटाले से जुड़ी इस जांच में सर्चिंग के दौरान कई संदिग्ध दस्तावेज, डिजिटल डिवाइस और 1 करोड़ 6 लाख कैश मिला है। ED ने इनकम टैक्स की शिकायत के आधार पर जांच शुरू की। पहले पड़े आयकर छापों में विभाग को जानकारी मिली थी कि छत्तीसगढ़ के कुछ अधिकारी, राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मिलीभगत की। मार्कफेड से जुड़े लोगों ने साजिश रची और करोड़ों की रिश्वत हासिल कर मिलर्स को फायदा पहुंचाया।
मार्कफेड MD रहे मनोज सोनी से राइस मिलर्स की सांठगांठ
ED ने अपने आधिकारिक बयान में कहा- धान की कस्टम मिलिंग के लिए सरकार ने 120 रुपए प्रति क्विंटल धान का भुगतान किया। छत्तीसगढ़ राज्य राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी कोषाध्यक्ष रोशन चंद्राकर के साथ मिलकर मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी ने रिश्वत की रकम वसूलना शुरू कर दिया। 20 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से ये रिश्वत मिलर्स से ली गई ।
175 करोड़ रुपए की रिश्वत मिली
मार्कफेड एमडी ने केवल उन्हीं राइस मिलर्स के बिलों को भुगतान की मंजूरी दी, जिन्होंने नगद राशि का भुगतान किया। ED की जांच से पता चला कि मिलर्स को भुगतान 40 रुपए से बढ़ाकर 120 रुपए प्रति क्विंटल करने के बाद 500 करोड़ रुपए के भुगतान जारी किए गए। 175 करोड़ रुपए की रिश्वत मिली, जिसे रोशन चंद्राकर ने मार्कफेड एमडी की मदद से हासिल किया है।
काईवाई में नान घोटाले का जिक्र ED ने नहीं किया
रायपुर के तिल्दा नेवरा में अमित चावल उद्योग के ठिकानों पर भी ED ने दबिश दी थी। कोरबा, दुर्ग और तिल्दा में छापेमारी की गई थी। नान घोटाले से जुड़ी जांच के दावे सामने आए मगर अपनी कार्रवाई में नान घोटाले का जिक्र ED ने नहीं किया है। ED ने ये भी साफ नहीं किया है कि किस व्यक्ति के पास से क्या मिला है।
दुर्ग में राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष और शिक्षा व्यवसायी कैलाश रूंगटा के घर पर भी छापा पड़ा था। कैलाश रूंगटा जिले के पुराने राइस मिलर हैं। व्यवसायी के दुर्ग और भिलाई स्थित ठिकानों पर 20 अक्टूबर की सुबह 2 अलग-अलग टीमें पहुंचीं। कैलाश रूंगटा के दुर्ग स्थित न्यू दीपक नगर में ईडी की टीम ने पहुंचकर जांच की थी।