तखतपुर-मासूम किलकारियों क मुस्कुराहट देना भी किसी इबादत से कम नहीं है. वैसे भी हम बच्चों को फरिश्ता मानते हैं .अब जरा सोचे अगर यही फरिश्ते पलट कर हमसे पूछ ले क्या यही इंसानों की दुनिया है. क्या इसी दुनिया में इंसान बसते हैं ,क्या इसी दुनिया में लाने के लिए मुझे 9 महीने तक मेरी मां ने कोख में रखा और जब मैं इस दुनिया में आया तो मुझे मरने के लिए सड़क पर छोड़कर चल दिए। यह कहानी है छत्तीसगढ़ के तखतपुर की जो किसी के भी दिल कचोड कर रख दे।
इस मासूम चेहरे की मासूमियत देखे ये सिर्फ ये 6 महीने पहले इस दुनिया में आया है,ये अभी पूरी तरह से चल भी नही सकता. इसे कायदे से अभी माँ के आचल होना था .ये नन्हा अभी पूरी तरह से चलना भी नही सिखा है ,.ऐसे में यदि कोई सड़क पर मरने के लिए छोड़ दे तो इसे क्या कहा जाए. ये कैसी दुनिया और कैसे है दुनिया के लोग ..आखिर क्या जवाब दे.. इस मासूम को .गुरु पूर्णिमा के पावन शुभ दिन बुधवार की सुबहएक मां इस बच्चें को बीच सड़क पर छोड़कर चली गई। नवजात बच्चें को बीच सड़क में बैठा देखकर पहले तो लोग आसपास के घरों में पता करते रहे कि बच्चा किसका है..जब इसके माता पिता का पता नही चला तब इसकी सूचना जूनापारा चौकी में दी गई । पुलिस मौके पर आई और बच्चें को लेकर चली गई.पुलिस ने मशुम बच्चे को बिलासपुर के एडाप्शन सेंटर में पहुचाया ।
तखतपुर थाना अंतर्गत ग्राम पाली में सुबह 6 बजेजब बच्चा सड़क पर लावारिस हालत में मिला तो हड़कंप मच गया. बच्चे के रोने की आवाज सुन आस पास के लोग वहां पहुंचे और जूनापारा पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद चौकी प्रभारी संजीव सिंह टीम मौके पर पहुंची.और बच्चें को को लेकर पहले अपने उच्चाधिकारीयों सारी जानकारी दी उसके बाद नन्हे मासूम को बिलासपुर एडॉप्शन सेंटर लाया गया। अब सवाल यह उठता है की बच्चे को आखिर सड़क पर किसने छोड़ा.यह सवाल तखतपुर के ग्राम पाली के हर छोटे बड़े के जुबान दिखा ..कोई कहता रहा कलयुग में मां की ममता भी मर गई है…कोई कहता रहा पाप छुपाने के लिए बच्चे को सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया गया. ..
इसके अलावा भी कई प्रकार की बातें होती रही। लेकिन अफसोस इस बात का रहा की 6 महीने का मासूम जब सड़क पर रो रहा था और जब लोगों ने उसे उठाया तो वह उन्हीं के आंचल से चिपक कर नन्ही आंखों से घूर-घूर कर सभी ऐसा देख रहा था मानो सबके बीच में वह अपनी मां को तलाश रहा था। जिस बच्चे को मां की गोद में होना था वह बच्चा सड़क पर लावारिस बैठा हुआ था। अब सवाल यह उठता है कि यदि माँ को बच्चों को मौत ही देनी थी तो वह सड़क पर आकर बच्चों को क्यों रखती, वह बच्चे को किसी सुनसान जगह पर छोड़ सकती थी।
लेकिन शायद माँ बच्चे को मारना नही जीवित रखना चाह रही थी कि मेरा कलेजे का टुकड़ा किसी तरह बच जाए इसीलिए ही उन्होंने उसे सड़क पर छोड़ा ताकि लोगों की उस पर नज़र पड़े और उसे बचा ले, फिलहाल इस बच्चे को एडॉप्शन सेंटर में सुरक्षित रखा गया है। पुलिस इस बात का पता कर रही है कि आखिर इस बच्चे को सड़क पर किसने छोड़ा वह सीसी कैमरा को भी खगाल रही है,vcn के लिए तखतपुर से टेकचंद करणाकी रिपोर्ट