आपने कभी दिनदहाड़े रोड़ पर भूत-प्रेतों को चलते देखा है..क्या फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम रोड पर रोड पर परेड करते नजर आए हैं, जवाब होगा नहीं। मगर छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में ऐसा ही देखना मिला है। यहां चिरमिरी में बहुरूपिया महोत्सव मनाया गया। जिसमें लोग भूत-पिशाच की वेशभूषा धारण करके निकले। इसके अलावा लोगों ने वनवासियों और मुर्गों का रूप धारण कर रोड पर ही जमकर डांस किया है। पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने है। जिसे लोग खूब पसंद कर रहे हैं। इनके साथ लोगों ने खूब सेल्फी भी ली है।
चिरमिरी में यूथ क्लब ने ये आयोजन किया। यहां 50 से ज्यादा बहुरूपियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सड़क पर निकले बहुरूपियों को देखने के लिए भारी संख्या में लोग जुटे। हर्षोल्लास, उमंग के साथ स्वस्थ मनोरंजन के लिए संकल्पित यूथ क्लब चिरमिरी की ओर से बहुरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
मनेंद्रगढ़ में साल के आखिरी दिन वहीं चिरमिरी में नए साल में ये आयोजन स्थानीय व्यापारियों के सहयोग से होता है। प्रतियोगिता में लोगों ने अवतार-2, मां काली, भगवान शिव, तांत्रिक, मोबाइल फोन, विभिन्न प्रकार के जानवरों का भी वेश धरा। ग्लोबल वॉर्मिंग के खिलाफ भी बहुरूपियों ने वेश धारण कर संदेश दिया।
कथकली और आदिवासी नृत्य करते हुए भी बहुरूपिये नजर आए। वहीं कुछ लोगों ने भूत-प्रेत का भी वेश बनाया। बुजुर्ग होते माता-पिता की देखभाल करने का संदेश भी बहुरूपियों ने दिया। उन्होंने हाथ में तख्ती पकड़ी हुई थी, जिसमें माता-पिता की सेवा का संदेश दिया गया था। ये वेश छोटे-छोटे बच्चों ने धारण किया था।
कुछ बच्चे श्रीराम-लक्ष्मण, हनुमान का भी भेष बनाए हुए थे। पेड़ बचाने का संदेश भी दिया गया। वहीं प्रतियोगिता में चिरमिरी बचाओ आंदोलन की झांकी भी प्रस्तुत की गई। कुछ बच्चियां छत्तीसगढ़ महतारी भी बनी हुई थीं तो एक युवक सैनिक और किसान भी बना हुआ नजर आया। वराह अवतार में भी एक युवक नजर आया। कुल मिलाकर बहुरूपियों ने अपनी वेशभूषा से एक अलग ही संसार रच दिया था।
वॉट्सऐप, फेसबुक, इंस्टाग्राम का वेश बनाकर कलाकारों ने यूजर्स को जागरूक किया। व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम और 4जी नेटवर्क के कलयुगी दैत्य का रुप धारण कर बहुरूपियों ने बताया कि एक दिन वे सभी को अपनी जद में ले लेंगे, विश्व उनका गुलाम बनेगा। युवाओं काे समझाया गया कि आज के सोशल मीडिया के जमाने में बच्चे और युवा इससे दूर रहें।
बहुरूपिया प्रदर्शन की संभावनाओं को प्रतिभागियों ने बड़े ही अच्छे ढंग से आम दर्शकों के समक्ष रखा। स्थानीय लोगों ने कहा कि इस तरह के आयोजन से बहुआयामी विकास के साथ आम जनों के बीच अच्छा संदेश जाता है। महिलाओं पर अत्याचार, महिलाओं का शोषण, महिलाओं का कत्ले आम के अपराध को समझाया।
चिरमिरी में बहुरूपिया महोत्सव की शुरुआत कुछ साल पहले हुई थी। कोरोना महामारी के दौरान ये आयोजन दो सालों तक नहीं हुआ था। पिछले साल यानि 2022 से फिर से इस आयोजन को शुरू किया गया था। अब ये कार्यक्रम बड़े स्तर पर होने लगा है। कार्यक्रम को देखने के लिए चिरमिरी सहित आसपास के जिलों से बड़ी संख्या में दर्शक जुटे। हालांकि कार्यक्रम को लेकर मुख्य मार्ग को बंद किए जाने से शहरवासियों को थोड़ी परेशानियां भी हुईं, लेकिन कार्यक्रम को लेकर लोग काफी उत्साहित रहे। प्रतियोगिता में अघोरी साधुओं की टोली का भी प्रदर्शन हुआ।
बहुरूपिया महोत्सव लोगों द्वारा नए साल का स्वागत करने का एक मनोरंजक तरीका है। हल्दीबाड़ी इलाके में शुरू हुई यह परेड प्रमुख चौक-चौराहों से होते हुए गुजरती है। साल 2015 से इस आयोजन को कोरिया का यूथ क्लब करवा रहा है। इस झांकी में वाहन चलाते समय मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करने, चिरमिरी में लगातार घटती आबादी व बंद हो रही खदान, बेटी बचाओ, बच्चों को मोबाइल से दूर रखने, पर्यावरण बचाओ, पेड़ लगाओ, नशा मुक्ति सहित कई संदेश देते प्रतिभागी नजर आए।
इसमें न केवल प्रदेश बल्कि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के बहरूपिया कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिला आते हैं, जिन्हें देखने के लिए अपार जनसमुदाय उमड़ता है। इससे पहले 31 दिसंबर को मनेंद्रगढ़ में बहुरूपिया महोत्सव का आयोजन किया गया था। वहां इस आयोजन को 30 साल पूरे हो चुके हैं। मनोंद्रगढ़ में बहुरूपिया प्रतियोगिता में 65 कलाकारों ने भाग लिया था।