रामानुजगंज। क्या विधायक बृहस्पत सिंह व बैंक कर्मी के बीच मिठाई खिला देने से पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया? दरअसल शनिवार को विधायक बृहस्पत सिंह और बैंककर्मी एक मंच पर पहुंचे और एक-दूसरे को मिठाई खिलाई। विधायक ने घटना पर अफसोस जताते हुए कहा कि मुझसे गलती हो गई थी। बैंककर्मी को डांटना चाहिए था, लेकिन आवेश में हाथ छोड़ दिया। इधर बैंककर्मी ने भी कहा कि विधायक के खिलाफ कार्रवाई नहीं चाहते हैं, क्योंकि उनसे हमारा पारिवारिक रिश्ता है।
इस समझौते के बाद फिलहाल चार दिनों से गरमाया विवाद तो ठंडा हो गया, लेकिन भ्रष्टाचार को लेकर विधायक ने सरगुजा संभाग में हमाली और सुआ-सुतली के नाम पर 65 करोड़ का घोटाले का आरोप लगाया था और हड़ताल अवधि के दौरान जो बैंकिंग लेनदेन प्रभावित हुआ था उसका क्या? क्या मिठाई की मिठास में यह भी घुल गया कि इसका जवाब आयेगा? सियासी रंगमंच के हिसाब से ये पूरा एपिसोड तो ठीक समाप्त हो गया लेकिन किसान अब सवाल उठा रहे हैं कि घोटाले की बात विधायक ने उठायी है तो जांच होनी चाहिए। क्योंकि जेब तो उन्ही किसानों का कटा है।