सर्वार्थ सिद्धि,अमृत सिद्धि,रवि योग,सौभाग्य और शोभन योग का संयोग
तिल्दा नेवरा -बृहस्पति और शनि ग्रह के अधिपति वाला पुष्य नक्षत्र खरीदारी और नए कार्यों की शुरुआत के लिए काफी शुभ माना जाता है।वही.शस्त्र में 27 नक्षत्र बताए गए हैं, जिसमें आठवां नक्षत्र पुष्य नक्षत्र होता है, जो सबसे ज्यादा शुभ योग होता है। पुष्य नक्षत्र यदि रविवार होता है, तो इसे रवि पुष्य नक्षत्र कहा जाता है ।और गुरुवार को आने वाले योग को गुरु पुष्य योग कहते हैं। यह दोनों योग धनतेरस चैत्र प्रतिपदा के समान ही शुभ है। इसी नक्षत्र में धान व वैभव की देवी लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था।गुरु पुष्य नक्षत्र गुरुवार को सूर्योदय से शुरू होगा और शाम 4बजकर 43मिनट तक रहेगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि,अमृतसिद्धि, रवि योग्य, सौभाग्य और शोभन योग का सहयोग भी बन रहा है। वही इस दिन सोना.चांदी भूमि. वाहन आदि चीजों की खरीदारी करने से लंबे समय तक उसमें सफलता और समृद्धि मिलती है।
गुरु पुष्य योग में इन कार्यों करने से होगा लाभ
पुण्य नक्षत्र खरीदारी के लिए उत्तम माना जाता है।इस दौरान वाहान,जमीन या फिर घर खरीदना बेहद लाभकारी माना जाता है। यह नक्षत्र स्थाई है, इसीलिए इस योग में से जो भी वस्तु खरीदी जाती है उसे वस्तु का अस्तित्व लंबे समय तक के लिए बना रहता है ।व्यापारियों के लिए यह दिन काफी फायदेमंद रहता है। इस दिन बही खाता खरीदने का परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि पुष्य नक्षत्र में बही खाता खरीदने पर व्यापार में मुनाफा अधिक होता है, और लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन विवाह को छोड़कर सभी कार्य किया जा सकते हैं। इस शुभ योग में शुरू किया गया कारोबार खूब फलता फूलता है..।
श्री सूक्त पाठ करने से व्यापार में होगी वृद्धि..
पंडित संतोष शर्मा ने बताया की खरीदारी या व्यापार में रुकावट आ रही है तो इस दिन से श्री सूक्त का पाठ इस दिन से प्रारंभ कर पूरे साल करने से व्यापार में वृद्धि होती है।साथ ही जीवन में आ रही कठिनाइयों के समाधान के लिए रास्ते बनते हैं।