सूरजपुर-छत्तीसगढ़ की सरकारी अस्पतालो में अंधेरगर्दी का आलम बना हुआ है ,सूरजपुर जिले के भटगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी लापरवाही और मानवता को शर्मसार करने का मामला सामने आया है,एक गरीब गर्भवती महिला अपनी सास के साथ प्रसव करने अस्पताल पहुंची. लेकिन अस्पताल में न डाक्टर था न ही नर्स .4 घंटे तक दर्द से कराहती रही. लेकिन कोई सामने नही आया बाद में सास ने ही फर्श पर प्रसूता का प्रसव कराया..,प्रसव के दौरान फर्श पर खून फैल गया था जिसे परिजनों ने ही साफ किया। नवजात शिशु को प्री-मेच्योर बताया गया है. मामला सामने आने पर CMHO ने सख्त कार्रवाई की बात कही है.
जानकारी के मुताबिक सूरजपुर जिले के भैयाधान ब्लॉक के ग्राम आसन ढोढी की रहने वाली कुंती बाई 30 साल को शनिवार को प्रसव पीड़ा होने लगी कुंती बाई के परिजनों ने गांव की मितानिन से जब संपर्क किया तो पता चला कि वह रायपुर में है, मितानिन ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भटगांव में जाने की सलाह दी। उसके बाद सांस इंजोरिया बाई बहू को लेकर अस्पताल पहुंची .अस्पताल में उसे डिलीवरी रूम में भेज दिया गया प्रसव विभाग में जिस नर्स की ड्यूटी लगी थी वह बिना पूर्व सूचना के गायब थी. उसका फोन भी बंद मिला ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर शीला सोरेन का भी फोन बंद मिला. अस्पताल में डॉक्टर और नर्स के नहीं होने के कारण प्रसूता कुंती बाई 4 घंटे तक दर्द से तड़पती रही 4 घंटे के बाद उसने अस्पताल की फर्श पर ही नवजात को जन्म दिया .उसकी सास इंजुरिया ने प्रसूता की मदद करते प्रसव कराया। फिर फर्श से उठाकर बेड पर रखा ।
प्रसव के दौरान अस्पताल की फर्श पर खून फैल गया था। जिसे सांस इंजुरिया भाई ने साफ किया। फिर उसने कुंती को बेड पर लिटाया । करीब 4 घंटे बाद दूसरी ड्यूटी डॉक्टर साक्षी सोनी पहुंची उन्होंने सफाई देते हुए कहा कि मुझे किसी ने सूचना नहीं दी।
प्रसव के बाद जन्मा बच्चा भी प्री-मेच्योर बताया गया ।मामला सामने आया तो BMO डॉक्टर राकेश सिंह ने पहले कहा मेरे बस में कुछ भी नहीं है. बाद में उन्होंने जांच का आश्वासन दिया। मामले में सूरजपुर CHMO डॉ कपिल देव पैकरा ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है। मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी गई है ।सोमवार को जांच कराई जाएगी जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीएमएचओ ने कहा कि जिस स्टाफ नर्स की ड्यूटी लगी थी ।वह बिना पूर्व सूचना के नहीं आई थी । डॉक्टर और अन्य कर्मी ड्यूटी में क्यों नहीं थे इसकी जांच की जाएगी।
आपको बता दे की इसके पूर्व सरगुजा में भी फर्श पर प्रसव का मामला सामने आया था, मामले को हाई कोर्ट बिलासपुर ने स्वत: संज्ञान में लेते हुए नोटिस जारी किया था। मामले में स्वास्थ विभाग ने व्यवस्थाएं तो ज्यादा नहीं सुधारी। लेकिन अस्पताल में फोटो वीडियो बनाने पर रोक लगाने का आदेश जरूर जारी कर दिया था वह अब भी लागू है।