इंदर कोटवानी की रिपोर्ट
छत्तीसगढ़ में इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर प्रदेश में भाजपा और काग्रेस पूरी तरह एक्शन मूड में है.. लगातार 15 सालों तक छत्तीसगढ़ में राज करने वाली भाजपा की रमन सरकार को 2018 के विधानसभा चुनाव मिली करारी हार,, और कांग्रेस को मिली शानदार जीत के बाद राज्य में बनी भूपेश बघेल सरकार एक बार फिर से पिछले प्रदर्शन को दोहराने के लिए पुरे ताकत से जुट गई
दूसरी तरफ कांग्रेस को हराने के लिए भाजपा छत्तीसगढ़ में सत्ता की वापसी के लिए अपनी योजना के तहत पूरी ताकत लगाकर काम कर रही है…।, भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर के साथ छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव. के साथ पूरी पार्टी और संगठन राज्य में मेहनत कर रहे हैं ।..भाजपा एक-एक सीट पर जीतने के लिए बहुत निचले स्तर से लोगों को ढूंढ कर ऊपर ला रही है और कांग्रेस की सत्ता के खिलाफ माहौल बनाने के साथ भाजपा अब पूरे कैंपेन को स्थानीय मुद्दों पर फोकस कर रही है ..ताकि उसे चुनाव में फायदामिल सके। भाजपा की रणनीति है कि जिस तरह कर्नाटक में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस ने पूरा कैंपस फोकस किया.. उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दे को लेकर जनता के बीच जाने फैसला किया है..इसी क्रम में .20 हजार करोड़ के हुए शराब घोटाले..के साथ अन्य घोटालों और आमजन से जुड़े मसलों को लेकर जनता के बीच जाना शुरू कर दिया है..। इसके अलावा भाजपा को केंद्रीय नेतृत्व के सहारे का भी बड़ा भरोसा है
एस.सी -एसटी सीटों पर भी भाजपा की नजर...
2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को.मिली हार के साथ पूरे बस्तर से सफाया हो गया था,,,| एससी-एसटी समुदाय के प्रभाव वाली 39 ज्यादातर सीटो पर हारका सामना करना पड़ा… जबकि इसी समुदाय ने 2013 में भाजपा को सत्ता में पहुंचाने में आम भूमिका निभाई थी..वर्तमान में छत्तीसगढ़ में एसटी के लिए 29 आरक्षित है,, इनमें से मात्र 4 सीटों पर भाजपा का कब्जा है इसी तरह एससी के लिए 10 सीट आरक्षित है जिसमें भाजपा के खाते में सिर्फ 2 सीट दर्ज है,,,, इस बार भाजपा एससी- एसटी पर भी खास रणनीति बना रही है। उसी रणनीति के चलते भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और अरुण साव की उपस्थिति में पदमश्री राधेश्याम बारले और रिटायर्ड IAS राजपाल सिंह त्यागी, को भाजपा प्रवेश कराया गया.. इनके प्रवेश से पार्टी को कितना नफा होगा यह तो आने वाला समय बताएगा ,,लेकिन इन दोनों के पार्टी प्रवेश करने से एसटी-एससी वोटरों के बीच एक अच्छा संदेश जाएगा कि भाजपा उनके साथ है। इसके अलावा कुछ और चर्चित चेहरे है जो अपनी जाति में प्रभाव रखते हैं ऐसे नेताओं को भाजपा पार्टी लाने में लगी हुई है|
बीजेपी के केंद्रीय नेताओं का छत्तीसगढ़ दौरा
बीजेपी के केंद्रीय नेता भी छत्तीसगढ़ का दौरा करने वाले हैं, इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 22 जून को छत्तीसगढ़ के दुर्ग आ रहे हैं,, वे यहां एक सभा को संबोधित करेंगे| इसी तरह 30 जून को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी नड्डा जनसंपर्क अभियान के तहत बिलासपुर दौरा करने वाले हैं.|हिमांचल और कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में केन्द्रीय नेताओ के ताबड़तोड़ दौरे कर केंद्र सरकार उपलब्धिया गिनाईगई थी लेकिन राष्ट्रीय मुद्दों को का वोटरों पर कोई खास असर नहीं हुआ..और भाजपा दोनों राज्यों में हार गई।जबकि इन राज्यों में भाजपा की सरकार थी.,।
दूसरी तरफ कांग्रेस छत्तीसगढ़ में फिर से सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतर चुकी है.कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को इस बात का पक्का भरोसा है कि भूपेश बघेल के चेहरे के साथ सरकार की उपलब्धियां कांग्रेस को फिर से सरकार बनाने मददगार साबित होगी..। कांग्रेस का कहना है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के भरोसे दो राज्यों में चुनाव लड़कर अपना हश्र देख चुकी है.|छत्तीसगढ़ के चुनाव में भी भाजपा की उसी तरह की स्थिति होने वाली है,,
भाजपा के केंद्रीय नेताओं के दौरे को लेकर भाजपा पर हमला बोलते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि चुनाव हो रहा है तो सभी नेता तो आएंगे छत्तीसगढ़ में 4 महीने घूमेंगे हमारी सरकार ने जो साढे 4 साल में किसानों. मजदूर .आदिवासियों और महिलाओं के लिए कार्य किए हैं उसे भी देखेंगे.।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों राष्ट्रीय पार्टियां जीत को लेकर आशान्वित हैं.. भाजपा को पिछले चुनाव में मिली करारी हार के बाद..पार्टी और संगठन राज्य में वापसी के लिए पूरी मेहनत कर रही है, पार्टी को विश्वास है कि केंद्रीय नेतृत्व के सहारे छत्तीसगढ़ में भाजपा अपना परचम फहराने में कामयाब हो जाएंगी| वही कांग्रेस दोबारा सत्ता में लौटने इसीलिए आशान्वित है कि सरकार ने जो साढ़े 4 साल में विकास कार्य और लोगों का भला किया है उसका आशीर्वाद जनता उसे जरूर देगी