रायपुर छत्तीसगढ़ में तहसीलदार संघ ने तीन दिन की हड़ताल शुरू कर दी है. वहीं रसोइयां संघ ने भी स्कूलों में काम बंद कर दिया है.छत्तीसगढ़ में तहसीलदार संघ 17 सूत्रीय मांगों को लेकर तीन दिवसीय कलम बंद हड़ताल पर चले गए हैं. तहसीलदारों की इस हड़ताल से तहसील ऑफिस में कामकाज प्रभावित हुआ है. तहसीलदारों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी तो आगे भी आंदोलन जारी रखेंगे.
तहसीलदार संघ की माने तो अभी उनकी तीन दिन की सामूहिक हड़ताल शान्तिपूर्ण तरीके से है. लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो संघ के दिशा निर्देशों के बाद आगे की रूपरेखा तैयार कर योजनाबद्ध तरीके से आंदोलन किया जाएगा.
तहसीलदारों की राज्यस्तरीय हड़ताल है. 17 सूत्रीय मांगों हैं. संसाधन की कमी है. बिना जांच के कार्रवाई होना, 50 प्रतिशत सीधी भर्ती होती थी.50 प्रतिशत प्रमोशन होता था. जिसे अब 60-40 कर दिया गया है. नायब तहसीलदार को राजपत्रिपत करना. कोर्ट में सुरक्षा देने का आदेश जारी हुआ था. लेकिन ये पूरी नहीं हुई. –
जीपीएम जिले में तहसीलदारों ने 3 दिवसीय कलम बन्द हड़ताल शुरू कर दी है. तहसील कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों ने आरोप लगाया कि तहसीलदार में ना सिर्फ तकनीकी बल्कि मानवीय संसाधनों की भी भारी कमी है. इसी कमी के बीच ही वे काम करने को मजबूर है. अधिकारियों ने बताया कि शासकीय वाहन, सुरक्षा और प्रशासनिक सहयोग जैसे बुनियादी साधनों का भी अभाव है.उनकी मांग है कि..तहसील कार्यालयों में कंप्यूटर ऑपरेटर, राजस्व निरीक्षक, भृत्य, वाहन चालक, पटवारी जैसे पदों की तत्काल पदस्थापना..नायब तहसीलदार को राजपत्रित अधिकारी घोषित करना..ग्रेड पे में लंबित संशोधन को जल्द पूर्ण करना
तहसीलों के लिए शासकीय वाहन की उपलब्धता या वाहन भत्ता…बिना विधिसम्मत प्रक्रिया के निलंबित अधिकारियों की 15 दिन में बहालीन्यायालयीन मामलों में FIR दर्ज न करना और न्यायाधीश प्रोटेक्शन एक्ट के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित करना
तहसीलदार ऑफिस में क्या क्या काम होता है: तहसीलदार ऑफिस में भूमि रिकॉर्ड का रखरखाव, भूमि विवादों का निपटारा, राजस्व, जाति और निवास प्रमाण पत्र, पटवारियों के काम की निगरानी और अन्य न्यायिक कार्य होते हैं.
छत्तीसगढ़ में रसोईया संघ की हड़ताल: छत्तीसगढ़ रसोईया संघ भी अपनी 3 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चला गया है. गौरेला के लाल बंगला स्थित धरना स्थल पर मानदेय वृद्धि की मांग को लेकर रसोईया संघ धरने पर बैठा है. रसोईयों का कहना है उन्होंने 300 रुपए से काम करना शुरू किया था. वर्तमान में उन्हें 2000 रुपये मासिक मानदेय मिलता है, जो कि जीवनयापन के अनुसार से बहुत ही कम है.