अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल के शाला प्रवेश उत्सव में विद्यालय से अभिभूत डॉ. दवे ने कहा : ‘देवतुल्य इन बच्चों की मदद करके अपने आपको सौभाग्यशाली मानूंगा’
दिव्यांग बच्चों की उच्च शिक्षा की व्यवस्था नहीं होने पर पूर्व महापौर दुबे को दु:ख, कहा : समाज के ख्यातिप्राप्त लोगों की मदद मिले तो इस दिशा में पहल की जा सकती है
रायपुर। राजधानी के ख्यातिलब्ध शल्य चिकित्सक और रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे उस समय मूक-बधिर दिव्यांग बच्चों की शिक्षा और उनके कौशल उन्नयन की दिशा में सतत कर्मरत राजधानी के बजाज कॉलोनी (न्यू राजेंद्रनगर) स्थित अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल के प्रयासों से अभिभूत हो गए जब वह इस विद्यालय के शाला प्रवेश उत्सव के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शरीक हुए। विद्यालय की कार्यशैली और उद्देश्यों से अभिभूत डॉ. दवे ने कहा कि देवतुल्य इन बच्चों की किसी प्रकार की मदद करने का अवसर मिला तो वह अपने आपको सौभाग्यशाली मानेंगे।
शल्य चिकित्सक डॉ. दवे ने कहा कि इन बच्चों को देखकर यह विश्वास दृढ़ होता है कि जीवन में सफल वही होता है जो कभी हार नहीं मानता।
अर्पण दिव्यांग पब्लिक में मूक-बधिर बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा सुविधा के साथ-साथ अलग-अलग विधा में प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बनाने का जो कार्य किया जा रहा है, वह अनुकरणीय है। इन बच्चों से मिलकर महसूस हुआ कि परिस्थिति कितनी भी विपरीत क्यों न हो, लक्ष्य हासिल करने की ठान लें तो उसे प्राप्त किया जा सकता है।
समारोह के दौरान पूर्व महापौर प्रमोद प्रमोद दुबे ने कहा कि मूक-बधिर बच्चों को शिक्षित और स्वावलंबी बनाने का कार्य हम लोग निरंतर कर रहे हैं। मूक-बधिर बच्चों को स्कूली शिक्षा तो मिल जाती है पर उच्च शिक्षा की व्यवस्था प्रदेश में नहीं है। श्री दुबे ने कहा कि डॉ. दवे और समाज के ख्यातिप्राप्त लोगों की अगर मदद मिले तो इस दिशा में पहल की जा सकती है।
समारोह के दौरान समाज सेवा के क्षेत्र में निरंतर उत्कृष्ट कार्य करने के लिए हरसंभव फाउंडेशन और इनर व्हील के पदाधिकारियों को शाल, श्रीफल और स्मृति चिह्न प्रदान कर सम्मानित किया गया। इस दौरान अर्पण कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रकाश शर्मा, उपाध्यक्ष धनंजय त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष विरेन्द्र शर्मा, डायरेक्टर डॉ. राकेश पांडेय, को-ऑर्डिनेटर सीमा छाबड़ा और प्राचार्य कमलेश मिश्रा उपस्थित थे।