रायपुर:-टेलीग्राम पर गंदे वीडियो और आतंकी एक्टिविटीज का फैलाव बढ़ता जा रहा है। ऐप की गोपनीयता और एन्क्रिप्टेड सेवाओं का दुरुपयोग हो रहा है, जिससे इसे ट्रैक करना मुश्किल हो गया है। जानें क्यों इसे ‘रक्तबीज’ कहा जा रहा है और कैसे इस समस्या से निपटा जा सकता है।
टेलीग्राम, जो एक लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप है, हाल के दिनों में गंदे वीडियो और अवैध एक्टिविटीज का अड्डा बनता जा रहा है। इसकी प्राइवेसी और बड़े ग्रुप्स में सामग्री साझा करने की सुविधा का दुरुपयोग हो रहा है, जिससे इस प्लेटफार्म पर अश्लील कंटेंट तेजी से फैल रहा है।
सोशल मीडिया पर हाल ही में वायरल हुए युवक-युवती के ’19 मिनट 34 सेकेंड’ वाले वीडियो ने जमकर बवाल मचाया। आज भी लोग इंस्टाग्राम, टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इसक पूरा वीडियो खोजते फिर रहे हैं। वहीं, यूथ में ऐसे वीडियोज की डिमांड को देखते हुए अश्लील वीडियो के दलाल सक्रीय हो गए हैं और पैसे लेकर ऐसे वीडियो बेचे जा रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि छत्तीसगढ़ के कपल के वीडियो की डिमांड बेहद ज्यादा है और लोग छत्तीसगढ़ी कपल की मोटी रकम तक देने को तैयार हैं। इस बात का खुलासा देश की नामी मीडिया संस्थान ने किया है, जिसमें उन्होंने बकायदा दलाल से बातचीत का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया है।
मिली जानकारी के अनुसार टेलीग्राम पर अश्लील वीडियो का बड़ा बाजार है, जहां 100 रुपए लेकर सैकड़ों कपल के इंटिमेट और प्राइवेट मोमेंट्स के वीडियो बेचे और खरीदे जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि दलाल कस्टमर्स की डिमांड के हिसाब से वीडियो शेयर करते हैं और पैसे की डिमांड करते हैं। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, बंगाल, दिल्ली, पंजाब, यूपी, बिहार जैसे अलग-अलग राज्यों के कपल के प्राइवेट वीडियो मौजूद हैं।
बताया गया कि न सिर्फ कम उम्र के कपल के वीडियो बल्कि मोटी और उम्रदराज महिलाओं के वीडियोज की भी भारी डिमांड है। हैरानी की बात है सारे वीडियो प्राइवेट मोबाइल से लीक हुए हैं। बंग्ला कपल का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से तो रिमूव हो गया था। इसके बावजूद यह लोगों के मोबाइल पर तेजी से पहुंच रहा था। एक सोर्स ने बताया कि, ये वीडियो टेलीग्राम पर बिक रहा है। हमने सोर्स के जरिए, एक दलाल से संपर्क किया।
टेलीग्राम की एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग सेवा इसे सुरक्षित प्लेटफार्म बनाती है, लेकिन इसी कारण इसे ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है। इसके चलते सुरक्षा एजेंसियों के लिए इस पर निगरानी रखना चल्लेंजिंग हो गया है। इसे ‘रक्तबीज’ इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एक बार कंटेंट हटाने के बाद भी नए ग्रुप्स और चैनल्स बन जाते हैं, जिससे गलत एक्टिविटीज दोबारा शुरू हो जाती हैं। इस समस्या से निपटने के लिए सख्त कदम उठाने की जरूरत है।


