150 बच्चों ने लिया बढ़ चढ़कर हिस्सा.बैंड बाजे के साथ अन्य कलाओं का दिया गया प्रशिक्षण
तिल्दा नेवरा-गर्मी की छुट्टियों में छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बच्चों में रचनात्मकता के लिए सकारात्मक व नवाचारी पहल की है। स्कूली बच्चे खुशनुमा माहौल में खेल-खेल में बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान सीखने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिश को छत्तीसगढ़ के स्कूलों के माध्यम से बालक-पालक व शिक्षकों तक पहुंचाने का यह अनूठा तरीका है।
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस समर कैंप का उद्देश्य बच्चों का मनोरंजन के साथ स्वस्थ वातावरण में उनकी छिपी हुई प्रतिभा को उभारना और उनमें आत्मविश्वास को बढ़ावा देना है। समर कैंप को सफल बनाने सचिव परदेसी द्वारा प्रतिदिन एक-एक कड़ी जोड़ी जा रही है। शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ को जहां प्रदेश में स्वेच्छा से समर कैंप आयोजित करने कहा गया है।
इसी कड़ी में नेवरा बी.एन.बी स्कूल में विकासखंड स्तरीय समर कैंप आयोजित किया गया,इस समर कैंप में 150 बच्चो ने शामिल होकर अपने शारीरिक एवं मानसिक का विकास किया.इस संबंध में बच्चों को कौन-कौन से विधा में परंपरागत किया जाए इसके लिए ब्लॉक स्तर पर उस विधा और परंपरागत शिक्षकों के साथ दक्ष लोगों को शामिल किया गया है. प्रतिदिन इन दक्ष लोगों के ज्ञान से विद्यार्थियों की योग्यता में निखार आ रहा है. इस समर कैंप में बच्चों को उनकी रुचियों के अनुसार कार्य कराया जा रहा है.चित्रकला,रंगोली,पेंटिंग, विज्ञान का जादू,योग,खेलकूद,स्विमिंग,बैंड बाजा. कंप्यूटर, विज्ञान मॉडल, डांस गायन वादन, व्यक्तित्व विकास वैदिक गणित पाक कला रचनात्मक लेखन एवं कबाड़ के जुगाड़ से विज्ञान मॉडल अधिकारियों के द्वारा शिक्षा के स्तर में वृद्धि करने का कार्य किया जा रहा है।
वहीं खेल संघो एवं अन्य संस्थाओं को भी इस कार्यक्रम से जोड़ने का प्रयास किया गया।20 मई से 30 मई तक आयोजित समर कैंप का संचालन नेवराहै स्कुल के प्राचार्य डॉक्टर राजेश कुमार चनदानी,विकासखंड शिक्षा अधिकारी एल के जाहिरे, बीआरसी संतोष शर्मा के मार्गदर्शन में किया गया। यह उल्लेखनीय है कि समर कैंप बच्चों के एक साथ आने और मौज मस्ती करने का एक विशेष शिविर है वे घर से दूर सुरक्षित वातावरण में नए साहसिक प्रयास करते हैं और नई चीज़ सीखते हैं। इस प्रकार उनमें स्वतंत्रता की भावना विकसित होती है। वे नए दोस्त भी बनाते हैं और मेल जोड़ बढ़ाते हैं, जिससे उनके सामाजिक कौशल और आत्मविश्वास का विकास होता है।
कैम्प में बीएनबी हाई स्कूल के प्राचार्य डॉ राजेश कुमार चंदानी के द्वारा प्रतिदिन बच्चों को अपने आसपास के कबाड़ से विज्ञान मॉडल बनाने की कला सीखाई गई lनित्य कला के शिक्षक उमेश निर्मलकर के द्वारा बच्चों को डांस के गुर सिखाए गए. इसी तरह जीबी इंटरनेशनल स्कूल के तेराकी प्रशिक्षक यादव द्वारा बच्चों को स्विमिंग के लिए जीबी पब्लिक स्कूल के स्विमिंग पूल में तैरना सिखाया गया, इसके अलावा शिविर में बैंड-बाजा की शिक्षा के लिए छात्रों को कार्मल स्कूल के शिक्षक निषाद के द्वारा बैंड बाजा का प्रशिक्षण दिया गया. व्यक्तित्व विकास के लिए राजेंद्र प्रसाद वर्मा ने भी अपने ज्ञान की विधि से बच्चों को पठन व याद रखने की कला सीखाई.वही शिक्षक प्यारेलाल वर्मा चित्रा सिंह वर्मा ने वैदिक गणित द्वारा कैसे गणित प्रक्रियाओं को कम समय में हल कर सकते हैं बताया गया. हारमोनियम और तबला में कौन-कौन से रिदम और सूर ताल होते हैं इसकी बारीकियो की जानकारी विकास शर्मा व विजय ध्रुव के द्वारा बच्चों को दी गई. योगा व खेल कूद के अंतर्गत योग गुरु तूकेंद्र वर्मा द्वारा योग के विभिन्न आसनों को बताया गया जिसमें बच्चे बड़े आनंदित होकर योग की विभिन्न आसनों को सीखा इसके लिए बच्चे प्रतिदिन समय पर योग में शामिल होते रहे. यहां से जाने के बाद वे अपने माता-पिता को भी योगासन करने के लिए प्रेरित करते रहे. कैंप को सफल बनाने में नरोत्तम ध्रुव, भुनेश्वरी वर्मा, सुरेंद्र वर्मा, अश्वनी वर्मा, खूबचंद कश्यप, जितेंद्र जोहोआश, आशा लोकेश ठाकुर; शैलेंद्र वर्मा. वीरेंद्र टंडन. किरण महरिया. सरिता सेन. का विशेष योगदान रहा। ग्रीष्मकालीन अवकाश में समर कैंप का आयोजन सुबह 7 से 9.30 बजे तक आयोजित किया गया।