वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी..
सुधांशू त्रिवेदी
जब इंदिरा गांधी चिकमंगलूर से चुनाव लड़ती थीं तो एक बार उनके समर्थकों ने विपक्ष के लिये ये नारा दिया था कि
‘चिकमंगलूर, चिकमंगलूर
एक शेरनी सौ लंगूर’
और अब बैंगलुरू में बैठक पर कहा जा सकता है कि
बैंगलूर, बैंगलूर
एक शेर और …. इसके आगे सुधांशू त्रिवेदी कहते हैं कि ‘इसके आगे हम जनता के विवेक पर छोड़ते हंै’
भ्रष्टाचार के गड्ढे कैसे भरेंगे
रायपुर चंद्रपुर मार्ग पर 680 करोड़ की लागत से बनी सड़क पर पहली ही बारिश में इतने बड़े गड्ढे बन गये कि कार का पूरा पहिया उसमें धंस गया। वहां इसी कारण से बसों ने चलना बंद कर दिया। लोगबाग मजबूरी मे महंगे साधनों से आना-जाना कर रहे हंै। चूंकि बस का पहिया नहीं चल पा रहा तो कार का भी कहां से चलेेगा। बहरहाल राजनांदगांव कलेक्टर साहब ने बड़े प्यार से नेशनल हाईवे अथाॅरिटी को गड्ढे, आवाजाही ठीक करने और हादसे रोकने के निर्देश दिये हैं। जहां भ्रष्टाचार के बड़े-बड़े गड्ढे हों वहां तो प्यार से ही बोला जाएगा न। अपने देश में किसी सरकारी को सजा देने का प्रचलन नहीं है भाई। काम करने वाले भी पहले से प्यार बांट चुके हैं तो प्यार का बदला प्यार। प्यार देने वाले को सजा कैसे दी जा सकती है ?
दोषी अधिकारी को सजा
अपने यहां रिवाज नहीं
सड़क की बात करें तो भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने भी बलोदाबाजार से नांदघाट की सड़क खराबी की चार बार शिकायत की है। उन्होंने विधानसभा में पूछा कि निर्माण एजेंसी की परफाॅर्मेन्स गैरेंटी रोकी गयी है क्या ?
वैसे उन्हे याद दिलाना होगा कि बेईमान कंपनियों और बेईमान अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही प्रचलन अपने यहां नहीं है। अपन तो बेईमानों के बचाने के हिमायती रहे हंै। जब से छत्तीसगढ़ बना है तब से ही ये रूल कायम है… सरकार चाहे किसी की भी हो। तो शर्मा जी को शिकायत क्यों होनी चाहिये ?
आरश्चर्य है पीडीएस दुकानों में पांच हजार करोड़ के घोटालों पर राज्य सरकार द्वारा दोषी अफसरों को बचाने का आरोप लगाकर विपक्ष भाजपा ने वाकआउट किया। अरे भैया दोषी को बचाने की परम्परा की पोषक हर सरकार रही है। अभी आप वाकआउट कर रहे हैं पहले वो वाकआउट करते थे।
चीतों की सेहत का राज
अफ्रीका से लाए गये और कूनों नेशनल पार्क में रखे गये चीतों में से 8 चीते एक-एक कर मर गये। सुप्रीम कोर्ट ने भी चिन्ता जताई और इस तरफ सरकार को गंभीरता से ध्यान देने के निर्देश दिये। अपने एक कांग्रेसी कवि मित्र ने जीवित ओर स्वस्थ बचे चीतों से पूछा ‘क्यांे भाई आप लोग एकदम दुरूस्त दिख रहे हैं। एकदम पाक-साफ। कारण क्या है ? चीतों ने कहा दरअसल हमने आने से पहले ही भाजपा ज्वाईन कर ली थी।