Saturday, July 5, 2025
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पत्नी के अफ़ेयर से परेशान पति ने लिया.. ये बड़ा फैसला.

जबलपुर: पति और पत्नी के रिश्ते के बीच जब वो यानी तीसरा आता है तो परिवार के टूटने में देर नहीं लगती। कभी रिश्ते बिखरते हैं तो कभी होता है गुनाह। ऐसा गुनाह जिसकी कोई माफ़ी नहीं। जबलपुर में अपनी पत्नी के अफ़ेयर से परेशान एक पति ने आत्महत्या कर ली। पत्नी ने प्रेमी से बात करने से मना करने पर पति के ख़िलाफ़ ही घरेलू हिंसा की एफआईआर दर्ज करवा दी थी। भीतर से टूटे पति ने फांसी का फंदा लगाकर अपनी ज़िंदगी खत्म कर ली लेकिन पीछे छोड़ा एक नोट जो अब पुलिस के ज़रिए पत्नी तक पहुंचेगा। पति-पत्नी की ये खुशनुमा तस्वीर इसे देखकर कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था कि एक दिन कोई तीसरा इनके बीच दरार पैदा कर देगा। ऐसी दरार, जिसमें एक का वजूद ही समा जाएगा।

यह कहानी जबलपुर के घमापुर इलाके में रहने वाले चाय व्यापारी मयंक शर्मा और उसकी पत्नी दीक्षा शर्मा की है। लालमाटी इलाके में रहने वाले मयंक की शादी वर्ष 2017 में शास्त्रीनगर की रहने वाली दीक्षा से हुई थी। दोनों की दो बेटियाँ हैं। पति परिवार के हर सपने को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रहा था। लेकिन एक दिन उसके पैरों तले ज़मीन खिसक गई। मयंक ने पाया कि उसकी पत्नी दीक्षा फोन पर किसी से मीठी-मीठी बातें करती रहती है। थोड़ी तफ्तीश के बाद पता चला कि पत्नी का अफ़ेयर संजय साहू नामक व्यक्ति से चल रहा है। मयंक ने जब पत्नी को डांटा और प्रेमी से बात करने से मना किया तो उल्टा दीक्षा खफ़ा होकर अपने मायके चली गई। पत्नी के मायके पक्ष ने भी दीक्षा को समझाने के बजाय उसका ही साथ दिया। बीते अप्रैल माह में दीक्षा ने पति मयंक के ख़िलाफ़ घरेलू हिंसा की एफआईआर दर्ज करवा दी। इस घटना से टूटे मयंक ने 17 अप्रैल को जान देने की कोशिश की, लेकिन उसके भाई ने समय रहते उसे बचा लिया। मयंक ने पुलिस थाने में पत्नी की शिकायत की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

इसके बाद बीती 9 जून को मयंक ने वॉट्सऐप पर एक स्टेटस लगाया। उसमें आत्महत्या की बात लिखी और इसकी वजह अपनी पत्नी साली और सास को बताया। अब मयंक की मौत के बाद उसका परिवार उसे इंसाफ दिलाने के लिए पुलिस थानों के चक्कर काट रहा है। मयंक के बड़े भाई नरेंद्र शर्मा ने दीक्षा पर सख़्त कार्रवाई की माँग की है। इधर पुलिस अधिकारी वॉट्सऐप स्टेटस समेत पूरे मामले की जाँच करने और मयंक को आत्महत्या के लिए उकसाने वालों पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं। मयंक के परिवार को अब सिर्फ़ इंसाफ़ की दरकार है। लेकिन ऐसे न जाने कितने मयंक हैं जो पत्नी की बेवफ़ाई से ज़िंदगी की जंग हार रहे हैं। कई मामलों में पतियों की बेवफ़ाई, पत्नियों की जान ले रही है। कानून तो अपना काम करेगा ही, लेकिन ऐसे बढ़ते मामलों में समाज का हाल क्या होगा अब इस पर भी सोचने का वक़्त आ गया है।

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