रायपुर। शनिवार देर शाम रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव के लिए भाजपा से पूर्व सांसद व पूर्व महापौर सुनील सोनी के नाम की अधिकृत घोषणा हो गई। अब मुकाबले में कांग्रेस से कौन के सवाल पर माना जा रहा है कि पूर्व महापौर प्रमोद दुबे के नाम पर मुहर लग सकती है। इसके पीछे कई कारण गिनाये जा रहे हैं। दोनों छात्र नेता व रायपुर नगर निगम के महापौर रह चुके हैं। कांग्रेस में दो ही दावेदार के नाम पर संभावना जतायी जा रही है एक प्रमोद दुबे और दूसरा कन्हैया अग्रवाल। अब सोनी का नाम आ जाने से दुबे का पलड़ा भारी माना जा रहा है।
ब्राम्हण समाज का प्रत्याशी लेकर पहली बार सर्वाधिक वोट संख्या वाले ब्राम्हण समाज के सभी धड़े एकजुट हुए थे और भाजपा ने ब्राम्हण प्रत्याशी खारिज कर दिया है मतलब भाजपा से संभावित रहे ब्राम्हण प्रत्याशियों की नाराजगी को भी भुनाने का प्रयास किया जाए।यदि दोनों आमने सामने हो गए जैसे कि माना जा रहा है तो निश्चित रूप से यह उपचुनाव काफी दिलचस्प हो जायेगा। भले ही पिछले सांसद चुनाव में दुबे को सोनी ने करारी शिकस्त दी थी,लेकिन तब मोदी लहर का असर था। बता दें प्रमोद दुबे का निगम की राजनीति में महापौर का कार्यकाल सफल रहा था,इस बार सभापति के दायित्व में सबको साथ लेकर चले।
हर बार अलग अलग वार्ड से पार्षद चुने गए। कांग्रेस की गुटीय राजनीति में भूपेश,बाबा,महंत व बैज के साथ बराबर संबंध हैं। संसाधन में भी सक्षम हैं। भीतरखाने की खबर तो ये भी है कि सिवाय कन्हैया अग्रवाल के अन्य संभावित नाम चुनाव लडऩे के मूड में नहीं हैं,राजीव वोरा ने तो स्पष्ट रुप से चुनाव लडऩे से इंकार कर दिया है। इस लिहाज से दुबे तय दिख रहे हैं। हां ये जरूर है कि सोनी के सारथी बृजमोहन अग्रवाल के मुकाबले दुबे व उनकी टीम कितना दम मारेंगे यह कांग्रेस की एकजुटता पर निर्भर करता है।