Sunday, October 26, 2025
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मीन मलमास 13 अप्रैल को होगा समाप्त.पहला सावा 18 अप्रैल को..14 से शुरू होंगे मांगलिक कार्य, 30 अप्रैल को तारा अस्त होने से सावों पर फिर लगेगा ब्रेक

तिल्दा नेवरा – एक महीने बाद 13 अप्रैल को मीन मलमास समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे।इस दौरान कई सावे रहेंगे,जिसमें बड़ी संख्या में शादियां होंगी।साथ ही नीव मुहूर्त.गृह प्रवेश. मुंडन सहित अन्य मांगलिक कार्य भी किया जा सकेंगे।
मलमास समाप्ति के बाद पहला सावा 18 अप्रैल को होगा। इसके बाद अप्रैल में महज 4 सावे 21.22. 23 और 26 अप्रैल को है। इसी महीने 30 अप्रैल को शुक्र अस्त हो जाएगा। इस कारण सावो पर एक बार फिर से ब्रेक लग जाएगा। तारा अस्त होने के कारण इस बार मईऔर जून में सावे नहीं है। क्यों कि शुक्र का उदय 7 जुलाई को होगा। उदय होने के बाद तीन दिन तक बाल्तय दोष के कारण सावे नहीं होंगे। इसके बाद 17 जुलाई को देवशयनी एकादशी से पहले मात्र दो सावे है जो 11 व 15 जुलाई को है। इसके बाद अगले 4 महीने तक देव शयन के कारण मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
साल में दो बार लगता है मलमास..

ज्योतिषाचार्य पंडित संतोष शर्मा ने बताया कि साल में दो बार मलमास होता है। सूर्य जब धनु और मीन राशि में प्रवेश करता है तो मलमास रहता है ।पहले मलमास दिसंबर मध्य से जनवरी मध्य तक रहता है। जिनको धनु मलमास कहते हैं। इसके बाद दूसरा मलमास मार्च मध्य से अप्रैल मध्य तक रहता है। इसको मीन मलमास कहते हैं।

17 अप्रैल 10.16 व 23 मई को अबूझ मुहूर्त.

ज्योतिषियों का कहना है कि 13 अप्रैल को रात 9:04 बजे सूर्य मीन राशि को छोड़कर अपनी उच्च राशि मेष में प्रवेश करेंगे। सूर्य ने 14 मार्च को मीन राशि में प्रवेश किया था, इस दिन से मीन मलमास प्रारंभ हो गया था। तब से ही शुभ कार्यों पर रोक लगी हुई थी। पंडित आचार्य पवन शास्त्री ने बताया कि 18 अप्रैल को सात रेखीय सावो 21.22 अप्रैल को 8 रेखीय सावो 23 अप्रैल को सात रेखीय. 26 अप्रैल 8 रेखीय सावा रहेगा। इस बीच 17 अप्रैल रामनवमी के दिन अबूझ मुहूर्त रहेगा। तारा अस्त होने के बाद भी 10 मई को अक्षय तृतीया. 16 मंई जानकी नवमी 23 मई को पीपल पूर्णिमा का अबूझ मुहूर्त भी है। इसी प्रकार जून महीने में गंगा दशमी का भी अबूझ मुहूर्त रहेगा।

30 अप्रैल को शुक्र और 9 में को गुरु होंगे अस्त..

30 अप्रैल को शुक्र अस्त हो जाएगा जो 7 जुलाई तक रहेगा। शुक्र अस्त से 3 दिन पहले और शुक्र अस्त के तीन दिन बाद तक वृद्धत्व व बलत्व दोष माना जाता है, इस वजह से इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं होगा। वही 7 जुलाई को तारा उदय होने के बाद दो सावे रहेंगे, जो 11 जुलाई और 15 जुलाई को है। इसके बाद 17 जुलाई से देवशयन रहने के कारण आगामी फिर चार माह तक सावो पर रोक रहेगी।

.शुक्र अस्त 30 अप्रैल रात 3:30 बजे

.शुक्र उदय 7 जुलाई रात 9:05 बजे

गुरु अस्त 9 मंई सुबह 7:15 बजे से

गुरु उदय 3 जून को दोपहर 3 बजे

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