बालोद-छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में एक तेंदुआ मुर्गियों का शिकार करते हुए फेंसिंग तार में फस गया. सुबह जब किसान परिवार ने अपने घर के आंगन में तेंदुआ फसा देखा तो उनके होश उड़ गए.उन्होंने गांव वालों को इसकी सूचना दी. वन विभाग और जंगल सफारी की टीम मौके पर पहुंची और तेंदुए का रेस्क्यू किया .मामला गुरुर वन क्षेत्र के कंकालिन गांव का है।
दरअसल बीती रात किसान बलराम गोटी के आंगन में एक तेंदुआ मुर्गियों का शिकार करने पहुंच गया. उसने कुछ मुर्गियां का शिकार भी किया लेकिन लौटते समय तार से घिरी बाउंड्री को पार करने के दौरान तार तेंदुवा बुरी तरह से तारो के बीच फस गया।सोमवार सुबह करीब 5:30 बजे जब बलराम गोटी का परिवार सो कर उठा तो उन्होंने अपने आंगन में तेंदुए को फंसा देखा तो वे घबरा गए और उन्होंने घर का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया. बलराम ने तुरंत फोन के माध्यम से गांव वालों को सूचना देकर बताया की घर के बहार लगी तारो में तेंदुआ फस गया है,जानकारी के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए, तेंदुआ को देख ग्रामीण भी दहशत में आ गए .इसके बाद गाव वालो के द्वारा तत्काल वन विभाग को सूचना दी गई। ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची शुरुआत में तेंदुए को भगाने की कोशिश की गई। लेकिन वह लोहे के तार में बुरी तरह फंसा हुआ था .जब उसे निकालना मुश्किल हो गया तो बालोद वन विभाग ने रायपुर जंगल सफारी के साथ-साथ धमतरी और कांकेर जिले की टीमों को से संपर्क कर रेस्क्यू के लिए बुलाया।
सुबह 11 जंगल सफारी की टीम कंकलित गांव पहुंची उससे पहले गांव में मुनादी कर ग्रामीणों को घरों में रहने की हिदायत दी. इसके बाद वन विभाग और जंगल सफारी की संयुक्त टीम ने लोहे का तार काटकर तेंदुए को बाहर निकाला। रेस्क्यू के दौरान तेंदुए को बेहोश कर उसे पहले ग्लूकोज चढ़ाया गया और शुरुआती इलाज के बाद दोपहर 12 उसे रायपुर स्थित जंगल सफारी ले जाया गया. वन विभाग के अनुसार पकड़ा गया तेंदुआ लगभग 4 साल का है वह भोजन की तलाश में कंकालिन गांव तक पहुंचा था
ग्रामीणों के अनुसार यह तेंदुआ पिछले चार दिनों से गांव के आसपास घूम रहा था रात में मुर्गियों या पालतू जानवरों की तलाश में बाड़ी में आता था. रविवार रात को भी बलराम के घर बाड़ी में पाली गई मुर्गी खाने घुस आया और फस गया।

