दंतेवाड़ा। भाजपा ने दंतेवाड़ा विधानसभा सीट से चैतराम अटामी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद स्वर्गीय भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मण्डावी ने नाराजगी जताई थी। जिसके बाद मीडिया में ओजस्वी मण्डावी के निर्दलीय चुनाव लडऩे की खबरें तक चल रही थी। अब इस मसले को लेकर भाजपा की प्रदेश मंत्री श्रीमती ओजस्वी मंडावी ने अपना बयान जारी किया है। श्रीमती मण्डावी ने कहा कि मैं भाजपा की पदाधिकारी हूं और पार्टी के साथ हूं, मीडिया के जरिए जो बातें सामने आई हैं मैं उसका खंडन करती हूं। उन्होने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और संगठन महामंत्री पवन साय से पार्टी संगठन के विषय में चर्चा हुई है, कार्यकर्ताओं को समझाया गया है। मैं अपनी पार्टी के साथ खड़ी हूं। मेरे निवास में कार्यकर्ता मिलने पहुंचे थे, कार्यकर्ताओं से मिलना कोई गलत तो नहीं है। संगठन जो भी मुझे जिम्मेदारी देगी उसे निभाऊंगी। इस दौरान जिला संगठन प्रभारी श्रीनिवास मददी भी वहां मौजूद थे।
उल्लेखनिय है कि विधानसभा में टिकट को लेकर श्रीमती ओजस्वी मंडावी की बेटी दीपा मंडवी ने बीते दिनों एक वीडियो शेयर करते हुए कहा था कि, मेरे पापा के बलिदान की कोई कीमत नहीं रही, उन्होंने भाजपा के लिए जान दे दी, उनके अधूरे काम को पूरा करने के लिए मां ओजस्वी मंडावी ने राजनीति में कदम रखा, पूरा परिवार भाजपा का सम्मान करता है, इसके बावजूद पापा बलिदान को भाजपा के पदाधिकारियों ने क्यों नजर अंदाज कर दिया? इसके बाद मचे बवाल को भाजपा शांत करवाने में सफल रही है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ष 2018 के विधानसभा चुनवा में बस्तर संभाग के 12 सीटों में से एक मात्र दंतेवाड़ा सीट से भाजपा के स्वर्गीय भीमा मंडावी ने जीत हासिल की थी। इसी बीच लोकसभा चुनाव के दौरान नक्सली हमले में उनकी जान चली गई थी। जिसके बाद उनकी पत्नी ओजस्वी मंडावी को उपचुनाव का प्रत्याशी बनाया गया था। लेकिन ओजस्वी उस वक्त कांग्रेस की देवती कर्मा से हार गई थीं।