इंदर कोटवानी ,,,
रायपुर-छत्तीसगढ़ के नारायणपुर-दंतेवाड़ा बॉर्डर पर 27 नक्सलियों के जिस नक्सली बसवा राजू का एनकाउंटर किया गया, उसपर 10 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था। नक्सलवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के तीन दशकों में यह पहली बार है जब बलों द्वारा एक महासचिव स्तर के नेता को मार गिराया गया है।और आज इस नक्सल ऑपरेशन की सफलता का जश्न डीआरजी के जवान नाच-गाकर और रंग-गुलाल खेलकर मना रहे हैं।इतना ही नही ऑपरेशन से लौटने पर परिजनों ने सुरक्षाबलों की आरती भी उतारी।

छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में बुधवार को एक ऑपरेशन में, सुरक्षा बलों के द्वारा 27 खूंखार माओवादियों को मार गिराए जाने के बाद से चारो तरफ बहादुर सुरक्षा बलों और एजेंसियों की सराहना हो रही है.वही दूसरी तरफ नक्सली पूरी तरह से बैक फुट में आ गए है.बसवा राजू देश का सबसे बड़ा मोस्ट वांटेड नक्सली था। 6 राज्यों की पुलिस को इसकी तलाश थी। लेकिन अबूझमाड़ में DRG जवानों के हाथों बसवा राजू माराजा चूका है । इसके साथ ही अन्य 26 और नक्सली मारे गए हैं। इनमें 25 लाख का इनामी जंगू भी शामिल है।बसवा राजू नक्सल संगठन में पोलित ब्यूरो मेंबर और नक्सल संगठन महासचिव के पद पर था। एनकाउंटर करने के बाद जवानों ने सभी नक्सलियों की लाश के सामने ही जंगल में जश्न मनाया। साथ ही नारायणपुर शहर में आतिशबाजी की गई। पटाखें फोड़े गए।
दरअसल देश में हुई अधिकांश नक्सल घटनाओं का बसवा राजू ही मास्टरमाइंड था। इसलिए DRG जवानों ने इसकी मौत का जश्न मनाया…।बसवा राजू के अलावा नक्सल संगठन के 26 और नक्सलियों का एनकाउंटर किया गया। इनमें 25 लाख रुपए का इनामी नक्सली और DKSZCM (दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी मेंबर) जंगू नवीन उर्फ मधु भी मारा गया है…। इसके अलावा 10 लाख, 8 लाख रुपए के भी कई इनामी नक्सली एनकाउंटर में ढेर हुए हैं। सभी नक्सलियों पर कुल 11 करोड़ 60 लाख रुपए का इनाम घोषित था।मौके से जवानों ने 3 AK-47, 4 SLR, 6 इंसास, 1 कार्बाइन, 6 303, 1 BGL लॉन्चर, 1 रॉकेट लॉन्चर, 2 बारा बोर बंदूक, 2 भरमार समेत अन्य गोला-बारूद भी बरामद किया गया है।नक्सलवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई के तीन दशकों में यह पहली बार है जब बलों द्वारा एक महासचिव स्तर के नेता को मार गिराया गया है।सुरक्षा बलों के द्वारा 27 खूंखार माओवादियों को मार गिराए जाने के बाद से चारो तरफ बहादुर सुरक्षा बलों और एजेंसियों की सराहना हो रही है

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नक्सलियों के बड़े नेता बसवराजू के मारे जाने पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की है। उन्होंने लिखा है कि नक्सलवाद को खत्म करने की लड़ाई में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है । मैं इस बड़ी सफलता के लिए हमारे बहादुर सुरक्षा बलों और एजेंसियों की सराहना करता हूं। यह बताते हुए भी खुशी हो रही है कि ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के पूरा होने के बाद, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में 54 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है और 84 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। मोदी सरकार 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के लिए दृढ़ संकल्पित है
..सीएम ससाय ने कहा पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में बस्तर क्षेत्र में माओवाद को समाप्त करने की दिशा में काम कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षा बल के जवान लगातार ऑपरेशन कर रहे हैं. हमें लगाातार सफलता मिल रही है: बुधवार को अबूझमाड़ में 27 कुख्यात नक्सली मारे गए. हमारे दो जवान शहीद हुए हैं. हम शहीद जवानों को नमन करते हैं. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नक्सलियों को खुली चुनौती देते हुए कहा कि कोई जंगल में छिपा हो, शहर में बैठा हो या फिर गांव में हो. सबकी लिस्ट रेडी है.
के साथ विजय शरमा का फूल स्क्रीन गुणगा वीडयो ].विजय शर्मा ने कहा कि सरकार का एक लक्ष्य है कि बस्तर के गांव तक विकास का रास्ता प्रशस्त होना चाहिए. छत्तीसगढ़ सरकार ने देश की सबसे बेहतरीन सरेंडर पॉलिसी को लॉंच किया है. नक्सल पीड़ितों को सहायता पहुंचाना हमारी बहुत बड़ी योजना है.डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर के आदिवासी को नक्सली मारना चाहते हैं, जिसे यह सरकार होने नहीं देगी. हैदराबाद में बैठकर कुछ लोग जो अलग अलग निर्देश दे रहे हैं, उनकी एक भी बाच नहीं मानी जाएगी. हमारी सरकार एक भी गोली नहीं चलाना चाहती है. मोदी सरकार भी नहीं चाहती है, लेकिन उन लोगों को बस्तर के दर्द को समझने की जरूरत है.
जिस तरीके से प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर छत्तीसगढ़ की विष्णु देव की सरकार और गृहमंत्री विजय शर्मा नेतृत्व में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। और कुछ महीनो में जो कार्रवाई नक्सलियों के खिलाफ हुई और ऑपरेशन में जो नक्सली मारे गए हैं..ऐसे में तय समय मार्च 2026 के पहले दिसंबर 2025 तक ही नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा। बुधवार 21 मई को नक्सलवाद के खिलाफ हुए ऑपरेशन को इतिहास का सर्वाधिक सफल ऑपरेशन माना जाएगा इसके बाद से नक्सली पूरी तरह से बैक फुट पर आ गए हैं। अब उनके पास एक ही विकल्प है.. मरे या आत्म समर्पण करें। नही तो बसवा राजू जैसे बचे नक्सली नेता जवानों की गोलियों से मारे जाते रहेंगे।