तिल्दा नेवरा -नगर में सोमवार को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा धूमधाम से निकाली गई। सुंदर रथ पर सजा कर भगवान श्रीकृष्ण, भाई बलराम तथा बहन सुभद्रा को नगर भ्रमण कराया गया। नेवरा के जगन्नाथ मंदिर से निकली यह यात्रा शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए अपने मौसी घर पहुंची । इस दौरान लोग रथ खींच कर लोग निहाल हुए। रास्ते भर भगवान के जयकारे और झूमते हुए लोगों का जत्था चल रहा था। जिस स्थान से यह यात्रा गुजर रही थी वहां का माहौल भक्तिमय हो जा रहा था।
रथ यात्रा को लेकर प्रभु जगन्नाथ के दर्शन करने वालों की आज सुबह से ही जगन्नाथ मंदिर में भक्तो की लगी हुई थी.. दोपहर 3 बजे सजा हुआ रथ जब मंदिर पहुंचा तो पूरा मंदिर प्रांगण जगन्नाथ भगवान के जयकारों से गूंज उठा.. पुजारी दिनेश शर्मा एवं विजय वैष्णोव के द्वारा, रथयात्रा के आयोजक जयनारायण, अग्रवाल गोपाल, अग्रवाल ललित, संजय अग्रवाल के उपस्थिति में विधि विधान के साथ पूजा अर्चना कर भगवान जगन्नाथ ,बहन सुभद्रा, और भाईबलराम को रथ में विराजित कर किया गया| मंदिर प्रांगण से बाजे गाजे के साथ भाई-बहन संग प्रजा का हाल जानने रथ पर सवार होकर प्रभु स्वयं शहर भ्रमण को निकले.. यात्रा गांधी चौक, अग्रसेन चौक, सिंधी कैंप, हेमू कलानी चौक, स्टेशन चौक, दीनदयाल उपाध्याय चौक पहुंचा, यहां से गुरु घासीदास चौक होते हुए नेवरा प्रभु जगन्नाथ के मौसी के घर पहुंची…
इस बीच रथ को खींचने के लिए लोगों का तांता लगा रहा. योगेंद्र गांधी, कैलाश अग्रवाल, रवि गांधी जीतू शर्मा प्रतीक अग्रवाल पिंकू अग्रवाल शिवम शर्मासंजय अग्रवाल,आदि भक्त यात्रा में शामिल होकर रथ खीचते चल रहे थे । भगवान जगन्नाथ के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे. रथ में प्रभु के साथ बैठे जय नारायण अग्रवाल गोपाल अग्रवाल संजय अग्रवाल ललित अग्रवाल प्रसाद वितरण करते हुए चल रहे थे.. इस अवसर पर रथ यात्रा का कई जगहों पर जोरदार स्वागत भी किया गया..
नहीं हुई बारिश किसान चिंतित..
रथ यात्रा के दिन बारिश होना काफी शुभ माना जाता है ,ऐसे कहा जाता है कि रथ यात्रा के दिन यदि बारिश नहीं होती है तो अकाल पड़ने का भय रहता है.. किसानों को उम्मीद थी कि सोमवार के दिन निश्चित रूप से बारिश होगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ.., किसान गरीबा साहू ने बताया कि मैं 25 सालों से रथ यात्रा में शामिल होता हूं ,लेकिन यह पहला अवसर है जब बारिश नहीं हुई है.. इसके पहले भी कई बार ऐसे हुआ है कि रथ यात्रा के दिन तेज बारिश नहीं हुई लेकिन बूंदाबांदी जरूर होती थी.. इस बार ना तो बारिश हुई ना ही बूंदाबांदी, इतना ही नहीं आसमान पर बादल भी नहीं दिखे और तेज धूप में प्रभु ने शहर का भ्रमण किया

