Monday, July 14, 2025
Homeछत्तीसगढ़सरकार ने चावल के निर्यात पर लगाया बैन, इन दो कारणों से...

सरकार ने चावल के निर्यात पर लगाया बैन, इन दो कारणों से लेना पड़ा फैसला

तिल्दा,,देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25 फीसदी है. हालांकि कुछ शर्तों के साथ चावल के निर्यात को अनुमति दी जाएग.अगर नोटिफिकेशन से पहले जहाजों में चावल की लोडिंग शुरू हो गई है तो उसके निर्यात की अनुमति होगी.
भारत सरकार ने चावल के निर्यात को लेकर सख्त फैसला लिया है. सरकार ने बासमती चावल को छोड़कर सभी तरह के कच्चे चावल (Non-Basmati White Rice) के निर्यात पर ये फैसला आगामी त्योहारी सीजन के दौरान घरेलू डिमांड में बढ़ोतरी और खुदरा कीमतों पर नियंत्रण को ध्यान में रखकर लिया गया है.

खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बासमती चावल और सभी तरह के उसना चावल के निर्यात नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यानी केवलगैर-बासमती कच्चा चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है. हालांकि भारत से बड़े पैमाने पर बासमती चावल का निर्यात किया जाता है.

चावल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी

सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर बैन लगाकार घरेलू बाजार में बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने का फैसला किया है. पिछले कुछ दिनों में चावल की कीमतों में तेज बढ़ोतरी देखी जा रही है, इस महीने चावल के दाम में 10 से 20 फीसदी तक का उछाल आया है. हालांकि कुछ शर्तों के साथ चावल के निर्यात को अनुमति दी जाएगी. अगर नोटिफिकेशन से पहले जहाजों में चावल की लोडिंग शुरू हो गई है तो उसके निर्यात की अनुमति होगी.

इसके अलावा उन मामलों में भी चावल के निर्यात की अनुमति होगी, जहां सरकार ने दूसरे देशों को इसकी इजाजत दे रखी है. सरकार ने इन देशों के फूड सिक्योरिटी की जरूरतों को देखते हुए इस तरह की अनुमति दी है. देश में पिछले कुछ समय से खाने-पीने की चीजों की कीमत में काफी तेजी आई है. गेहूं, चावल, दूध और सब्जियों कीकीमत तेजी से बढ़ी है.

इन 5 देशों में सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट 

देश से निर्यात होने वाले कुल चावल में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25 फीसदीहै. भारत से गैर-बासमती सफेद चावल का कुल निर्यात 2021-22 में यह 2.62 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था. भारत सबसे ज्यादा गैर-बासमती सफेद चावल थाईलैंड, इटली, स्पेन, श्रीलंका और संयुक्त राज्य अमेरिका को निर्यात करता है.

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में लगभग 15.54 लाख टन सफेद चावल का निर्यात किया गया है, जो कि एक साल पहले की अवधि में केवल 11.55 लाख टन हीथा, यानी सालाना आधार पर चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में निर्यात में 35 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

धान की बुआई में कमी भी एक कारण 

गौरतलब है कि देश का कुछ हिस्सा बाढ़ की वजह से डूब रहा है. लेकिन कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां औसत से कम बारिश हो रही है. खासकर उन राज्यों में कम बारिश होरही है, जहां धान का सबसे ज्यादा पैदावार होता है. पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में धान की कम बुआई हो पाई है. जबकि पश्चिम बंगाल धानका बड़ा उत्पादक राज्य है.

बता दें, भारत दुनिया में चावल का दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है, पिछले साल सितंबर में सरकार ने टूटे हुए चावल के एक्सपोर्ट रोक लगा दी थी. साथ ही दूसरे तरह कई तरह के चावल के एक्सपोर्ट पर 20 फीसदी तक ड्यूटी लगाई गई थी.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments