भारत ने धर्मशाला में इंग्लैंड को पारी और 64 रनों के बड़े अंतर से हरा दिया और पांच मैचों की यह सीरीज 4-1 से अपने नाम की है. इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया है.
नई दिल्ली:भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पांचवां और आखिरी मुकाबला धर्मशाला में खेला गया. इस मुकाबले के तीसरे दिन भारत ने इंग्लैंड को पारी और 64 रनों के बड़े अंतर से हरा दिया और पांच मैचों की यह सीरीज 4-1 से अपने नाम की है. इस जीत के साथ ही भारतीय टीम ने इतिहास रच दिया है. टीम इंडिया बीते 112 सालों में ऐसी पहली टीम बनी है जिसने सीरीज का पहला मुकाबला गंवाने के बाद पांच मैचों की सीरीज 4-1 से जीती है.
भारत को सीरीज के पहले मैच में हैदराबाद में इंग्लैंड के खिलाफ 28 रनों से हरा का सामना करना पड़ा था. इसके बाद भारत ने विशाखापट्टनम में सीरीज के दूसरे मैच में वापसी करते हुए 106 रनों से जीत दर्ज की थी. इसके बाद सीरीज के तीसरे मैच में भारत ने राजकोट में इंग्लैंड को 434 रनों के बड़े अंतर से हराया था. इस सीरीज का चौथा मैच रांची में खेला गया था और उसमें टीम इंडिया ने 5 विकेट से जीत दर्ज की थी. जबकि धर्मशाला में भारत ने पारी और 64 रनों से बड़े अंतर से जीत दर्ज की है.
टेस्ट क्रिकेट के 141 सालों के इतिहास में ऐसा सिर्फ तीन बार हुआ है जब कोई टीम पांच मैचों की सीरीज का पहला मैच हारने के बाद सीरीज के बाकी बचे मुकाबले जीतने में सफल हुई है. सबसे पहले ऑस्ट्रेलिया ने साल 1897-1898 में ये कारनामा किया था. इसके बाद ऑस्ट्रेलिया ने 1901 -1902 में फिर ये कारनामा किया. वहीं तीसरी बार यह इंग्लैंड ने 1912 में किया था. ऐसे में रोहित शर्मा की अगुवाई में टीम इंडिया 112 सालों के बाद पांच मैचों की सीरीज का पहला मैच हारने के बाद सीरीज के बाकी चारों मैच जीतने वाली पहली टीम बनी है. इसके अलावा भारत टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में ये खास कारनामा करने वाली तीसरी टीम है.
बात अगर मुकाबले की करें तो, इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए पहली पारी में 218 रन बनाए थे. इसके जवाब में भारत ने रोहित शर्मा और शुभमन गिल के शतक के दम पर पहली पारी में 477 रन बनाए. भारत के लिए पहली पारी में जायसवाल, सरफराज खान और देवदत्त पडिक्कल ने अर्द्धशतकीय पारियां खेली. इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 195 रनों पर ऑल-आउट हो गई. अपना 100वां टेस्ट मैच खेल रहे रविचंद्रन अश्विन ने मैच में नौ विकेट लिए. अश्विन ने दूसरी पारी में पांच तो पहली पारी में चार विकेट लिए. इंग्लैंड के लिए जो रूट दूसरी पारी में आखिरी तक संघर्ष करते रहे, लेकिन उन्हें किसी अन्य बल्लेबाज का साथ नहीं मिला.