पांच साल बाद एक बार फिर से सत्ता में लौटी भाजपा को 90 सदस्यीय विधानसभा में सबसे ज्यादा 54 सीटें मिलीं हैं। वहीं, कांग्रेस के खाते में 35 सीटें गई हैं। एक सीट गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के खाते में गई है। चुनाव जीतने वाले सभी 90 उम्मीदवारों के हलफनामे का विश्लेषण एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने किया है।
एडीआर के मुताबिक 90 में 17 नव निर्वाचित विधायकों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। इनमें से छह के ऊपर गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं। नई विधानसभा के 80 फीसदी (कुल 72) सदस्य करोड़पति होंगे। विजेता उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 5.25 करोड़ रुपये है। 2018 के मुकाबले दागी विजेता उम्मीदवारों की संख्या में कमी आई है। यह 27 से घटकर 19 फीसदी रह गई है। वहीं, करोड़पति विजेताओं की संख्या में इजाफा हुआ है। 2018 में जीते 90 में से 68 (76 फीसदी) उम्मीदवार करोड़पति थे। जो अब बढ़कर 72 (80 फीसदी) हो गए हैं।
किस पार्टी से कितने करोड़पति जीते?
कुल 72 करोड़पति नवनिर्वाचित विधायकों में से 43 भाजपा के टिकट पर जीते हैं। यानी, भाजपा के केवल नौ (20 फीसदी) नवनिर्वाचित विधायक ऐसे हैं जो करोड़पति नहीं हैं। वहीं, कांग्रेस के 35 में से 29 (83 फीसदी) नवनिर्वाचित विधायक करोड़पति हैं। केवल छह (17 फीसदी) विधायक ऐसे हैं जो करोड़पति नहीं हैं।
कुल मिलाकर 16 नव निर्वाचित विधायक ऐसे हैं जिनके पास 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति है। वहीं, 11 की संपत्ति पांच से 10 करोड़ रुपये के बीच है। एक से पांच करोड़ सपत्ति वाले 45 उम्मीदवार जीत दर्ज करने में सफल रहे हैं। 14 नवनिर्वाचित विधायक ऐसे हैं जिनके पास 20 लाख से एक करोड़ के बीच की सपत्ति है। वहीं, चार विजेता उम्मीदवारों ने अपने पास 20 लाख से कम की संपत्ति बताई है।
सबसे अमीर नवनिर्वाचित विधायक कौन हैं?
कबीरधाम जिले की पंडरिया विधानसभा सीट से जीतीं भाजपा की भावना बोहरा जी नई विधानसभा की सबसे अमीर विधायक होंगी। भावना के पास कुल 33.86 करोड़ रुपये की संपत्ति है। निवर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नई विधानसभा के दूसरे सबसे अमीर विधायक होंगे। बघेल ने अपने चुनावी हलफनामे में कुल 33.38 करोड़ की सपत्ति बताई थी। वहीं, भाजपा के अमर अग्रवाल तीसरे सबसे अमीर नवनिर्वाचित विधायक हैं। बिलासपुर से जीते अमर के पास कुल 27 करोड़ की सपत्ति है।
किन विजेताओं के पास सबसे कम सपत्ति?
चंद्रपुर सीट से जीते कांग्रेस के रामकुमार यादव नई विधानसभा के सबसे कम संपत्ति वाले विधायक होंगे। यादव के पास कुल 10.02 लाख रुपये की संपत्ति है। सरगुजा जिले की सीतापुर सीट से जीते भाजपा के रामकुमार टोप्पो के पास कुल 13.12 लाख की सपत्ति है। टोप्पो सबसे कम संपत्ति वाले विधायकों में दूसरे नंबर पर हैं। इसी तरह तीसरे नंबर पर भाजपा की गोमती साय हैं। पत्थलगांव सीट से जीतीं गोमती साय के पास कुल 15.47 लाख रुपये की संपत्ति है।
कितने पढ़े-लिखे हैं छत्तीसगढ़ के नवनिर्वाचित विधायक?
90 में से 33 विजेताओं ने बताया है कि उनकी शैक्षिक योग्यता 5वीं से 12वीं के बीच है। वहीं, 54 विजेता ऐसे हैं जो स्नातक या उससे अधिक पढ़े-लिखे हैं। एक विजेता सिर्फ साक्षर हैं, वहीं दो डिप्लोमाधारी हैं। भाजपा के 54 विजेताओं में एक 5वीं पास, दो 8वीं पास, पांच 10वीं पास, 13 विजेता 12वीं पास हैं। इसी तरह नौ के पास स्नातक, चार के पास स्नातक पेशेवर, 17 के पास स्नाकोत्तर, एक पीएचडी डिग्री वाले हैं। इसी तरह भाजपा के दो विजेताओं डिप्लोमा किया हुआ है।
कांग्रेस के 35 विजेताओं में से एक साक्षर, तीन आठवीं पास, एक 10वीं पास, आठ 12वीं पास हैं। छह विजेताओं ने स्नातक, तीन ने पेशेवर स्नातक और 12 ने स्नाकोत्तर किया है। एक विजेता ने पीएचडी कर रखी है।
कितनी उम्रदराज होगी नई विधानसभा?
कुल 90 विजेताओं में से 44 ऐसे हैं जिनकी उम्र 50 साल से कम है। वहीं, 46 की उम्र 51 से 80 साल के बीच है। बिलाईगढ़ विधानसभा सीट से जीतीं कविता प्राण लहरे नई विधानसभा की सबसे युवा विधायक होंगी। कांग्रेस के टिकट पर जीतीं कविता की उम्र 30 साल है। भटगांव से भाजपा के टिकट पर जीतीं लक्ष्मी राजवाड़े और सीतापुर से भाजपा के टिकट पर जीते रामकुमार टोप्पो तीन सबसे युवा नवनिर्वाचित विधायकों में शामिल हैं। दोनों की उम्र 31 साल है।
अहिवारा सीट पर भाजपा के टिकट पर जीते 75 साल के डोमनलाल कोर्सेवाड़ा नई विधानसभा के सबसे उम्रदराज विधायक होंगे। तीन सबसे बुजुर्ग नवनिर्वाचित विधायकों में पुन्नूलाल मोहले और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी शामिल हैं। दोनों की उम्र 71 साल है।
नई विधानसभा में कितनी महिलाएं?
90 नवनिर्वाचित विधायकों में से 71 पुरुष और 19 (21 फीसदी) महिलाएं हैं। 2018 के मुकाबले महिला प्रतिनिधित्व कम हुआ है। 2018 में कुल 13 महिलाएं विधानसभा चुनाव में जीतीं थीं। 2018 में जीते 24 उम्मीदवार इस बार फिर से जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।