तिल्दा नेवरा-लखना सोमनाथ में शुक्रवार को साहू समाज की आराध्य देवी कर्मा देवी की जयंती बड़े धूमधाम के साथ मनाई गई। इस अवसर पर सत्यनारायण कथा पूजा व सम्मान समारोह का आयोजन तहसील साहू संघ तिल्दा द्वारा किया गया,जिसमें सभी परिक्षेत्र व ग्राम इकाई को आमंत्रित किया गया था, कर्मा जयंती के अवसर पर भारी संख्या में साहू समाज के लोग माता कर्मा की पूजा में सम्मिलित हुए,
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम जिला पंचायत रायपुर के सभापति राजू शर्मा के मुख्य अतिथिथ्य में सपन्न हुआ,विशेष अतिथि के रूप में तहसील साहू समाज तिल्दा,के पोषण साहू,पूर्व अध्यक्ष तुलाराम साहू , भूषण लाल साहू, गिरेंद्र साहू, मोहन साहू,ओमीन साहू ,ज्योतिष साहू मिडिया प्रभारी, ज्ञानेश्वर साहू ,जीवन राम साहू, शिव कुमार साहू ,अखिलेश साहू, शिवलाल,किशोर साहू तखत साहू,भरत,हरिश्चंद्र साहू,लेखराम साहू,संतोष साहू,मुकेश साहू, सभी परिक्षेत्र अध्यक्ष पदाधिकारी उपस्थित थे ,
इस मौके पर राजू शर्मा ने मां कर्मा बाई के जीवन के बारे में और उनके बताएं सिद्धांतों और कर्तव्यों पर समाज को चलने की नसीहत देते हुएकहा कि साहू समाज की आराध्य मां कर्मा देवी सेवा त्याग और भक्ति समर्पण की देवी हैं। उन्होंने कहा मां कर्मा बाई के पिता राम सहाय पूजा-पाठ बहुत अधिक करते थे और भगवान को नियमित भोग लगा कर ही भोजन ग्रहण करते थे। तीर्थ यात्रा पर से पहले उन्होंने पुत्री मां कर्मा से कहा कि तुम मेरे भगवान को भोग लगा दिया करो पुत्री ने कहा ठीक है कर्मा बाई ने सुबह उठकर भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया लेकिन भगवान ने भोजन नहीं किया तो मां ने कहा कि मैं भी भोजन नहीं करूंगी। भगवान के कहने पर मां ने चुनरी का पर्दा किया तब भगवान ने खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण कर लिया। बताया कि जगन्नाथ पुरी में आज भी मां कर्मा देवी के नाम का खिचड़ी का भोग भगवान जगन्नाथ का लगाया जाता है।

राजू शर्मा ने कहा कि माता कर्मा साहू समाज की नहीं अपितु सभी समाज के आराध्य देवी है।वही पोषण साहू ने कहा कि कर्मा माता की भक्ति से हमें सीख मिलती है कि कैसे जगन्नाथ स्वामी को स्वयं उसके पास खिचड़ी खाने के लिए आना पड़ा, उक्त कार्यक्रम में बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी गई, सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वालो को पुरस्कृत कर वरिष्ठ जनों का सम्मान किया गया

