बलौदाबाजार हिंसा मामले में देवेंद्र यादव से सोमवार को पुलिस ने करीब डेढ़ घंटे तक पूछताछ की। वे खुद बलौदाबाजार थाने पहुंचे थे। पूछताछ के बाद ASP अभिषेक सिंह ने कहा कि, उनसे करीब 100 सवाल पूछे गए। वे जनप्रतिनिधि थे इस हिसाब से वे महत्वपूर्ण कड़ी थे उनसे जो सवाल किए गए उनका उन्होंने जवाब दिया है। फिर से बुलाए जाने के सवाल पर ASP ने कहा कि, जरूरत पड़ी तो फिर बुलाएंगे।
वहीं, पूछताछ के बाद देवेंद्र यादव ने कहा कि, मैंने सभी सवालों का स्पष्टता से जवाब दिया है। जो लोग हिंसा में शामिल थे उनपर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि, जिसने कोई गलती नहीं की वह सजा भुगत रहा हो। 17 तारीख से 22 तारीख तक मैं प्रदेश से बाहर था, इसकी टिकट भी मैंने 2 महीने पहले की थी। ऐसे में 21 तारीख को मेरे घर पहुंचना दुर्भाग्यपूर्ण है।
रायपुर से रवाना होने के दौरान देवेंद्र ने कहा था कि इस मामले में मैं उच्च न्यायालय भी गया हूं, इसकी जानकारी भी पुलिस को दी है। भारतीय जनता पार्टी इस पूरे प्रकरण में पूरे प्रशासन को अपनी दिशा में कंट्रोल कर रही है। साथ ही कहा कि सरकारें आती जाती रहती हैं, इतना अति उत्साहित मत होइए।
देवेंद्र यादव ने कहा कि पुलिस बीजेपी के इशारे पर किस अधिकार से मेरे घर आई? किस अधिकार से एडिशनल एसपी मेरे घर पर मेरे स्टाफ को डरा रहे हैं? धमका रहे हैं? शासकीय दस्तावेज है कि मैं 22 तारीख को आऊंगा। 21 तारीख को वह पंचनामा करके क्या साबित करना चाहते हैं।
एडिशनल एसपी के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे देवेंद्र
देवेंद्र यादव ने कहा कि मैं पुलिस प्रशासन के एडिशनल एसपी के खिलाफ उच्च न्यायालय जाऊंगा और अपनी बात रखूंगा। पुलिस के पास सारी जानकारी थी कि मैं 22 को आऊंगा तो वह मुझे बताएं कि 21 तारीख को वह मेरे घर लोगों को डराने धमकाने क्यों गए? क्यों डरा रहे हैं।
इतना अपमान सहने के बाद इनको जो करना है करें। मैंने हमेशा कहा कि इस पूरे मामले पर व्यापक जांच होनी चाहिए। विषय यह है कि जैतखाम को किसने नुकसान पहुंचाया, लेकिन इस पूरे मामले को भटकार देवेंद्र यादव तक क्यों ले जाया जा रहा है।