Sunday, July 13, 2025
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छत्तीसगढ़ में हरेली तिहार पर गायक बने मंत्री, टंकराम वर्मा: गाया लोक गीत..मोर गवई गंगा; PM आवास की चाबी भी बांटी रायपुर

छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा हरेली तिहार पर एक अलग अंदाज दिखे ।रविवार को रायपुर में मंत्री टंकराम वर्मा के सरकारी आवास पर मनाए गए हरेली पर्व के दौरान मंच पर स्थानीय कलाकार परफॉर्म कर रहे थे। मंत्री के समर्थक जिद करने लगे की वे भी इस मौके पर गाना गाएं। बस फिर क्या था, टंकराम वर्मा गायक बन गए। उन्होंने माइक उठाया और अपनी सुरीली आवाज में गाना शुरू कर दिया।वे कलाकारों के साथ ऐसे गाने लगे मानों कोई प्रोफेशनल लोक कलाकार हों। मंत्री ने नाचते हुए  मोर गवई गंगा…गीत गाया।

इस कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा इसके बाद विकासखंड बलौदाबाजार के गांवसकरी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। यहां पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग की ओर से आयोजित जिला स्तरीय हरेली पर्व, पीएम आवास लाभार्थियों के गृह प्रवेश और पौध रोपण का कार्यक्रम था।

मंत्री वर्मा ने प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण अंतर्गत स्वीकृत आवास पूरे होने पर 10 परिवारों को मकान की चाबी सौंपी और एक पेड़ मां के नाम अभियान अंतर्गत अमृत सरोवर के मेड़ पर पौधा लगाया। कैबिनेट मंत्री वर्मा ने ग्रामवासियों की मांग पर ग्राम सकरी में नए पीडीएस भवन की स्वीकृति और मानस भवन के लिए 10 लाख रुपए देने की घोषणा की।

कार्यक्रम में मंत्री वर्मा ने कहा कि प्रदेश में हरियाली और खुशहाली बनी रहे इसी बात को ध्यान रखते हुए मोदी की गारंटी और विष्णु के सुशासन के ध्येय वाक्य को हमारी सरकार साकार कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने 10 साल में भारत के चौतरफा विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं।

भारत 5 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है,जिसे तीसरे स्थान पर लाना है। प्रधानमंत्री मोदी गरीबों के पक्के मकान के सपने पूरे कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार ने बहुत कम समय में किए गए वादों को पूरी किया है।

मंत्री ने आगे कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं के खाते में हर महीना एक हजार दिया जा रहा है। स्व रोजगार उपलब्ध कराकर मातृ शक्ति को सुदृढ और आत्मनिर्भर बनाने के लिए समूह के माध्यम से रेडी-टू-ईट संचालन का काम दिया जाएगा। इसी प्रकार भूमिहीन कृषि मजदूरों को योजना के तहत 10 हजार रुपए सालाना दिया जाएगा।

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