Sunday, July 13, 2025
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कनाडा के खिलाफ भारत का सख्त एक्शन, उच्चायुक्त समेत 6 राजनयिक निष्कासित, 19 अक्टूबर तक छोड़ना होगा देश

न्यूज डेस्क-भारत ने कनाडा के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है और उन्हें शनिवार 19 अक्टूबर को रात 12 बजे से पहले भारत छोड़ने के लिए कहा गया है. MEA कार्यालय से से बाहर निकलते हुए व्हीलर ने कहा कि भारत को अपने दावों का पालन करना चाहिए जो उसने ओटावा में आरोपों के संबंध में लिया था. व्हीलर ने दावा किया कि कनाडा ने यह प्रमाणित और अप्रमाणिक सबूत पेश किए हैं.

कनाडा के भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की कथित हत्या की जांच से जोड़े जाने पर भारत ने सख्त रुख अपनाया है। भारत कनाडा में मौजूद अपने उच्चायुक्त, लक्षित अन्य राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुला रहा है। यह फैसला कनाडा के बेतुके और हास्यास्पद नए आरोपों के बाद किया गया है। इस बीच, भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित करने का निर्णय लिया है।

इससे पहले भारत ने कनाडा के उप उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर को तलब कर कड़ी नाराजगी दर्ज कराई और दोटूक कहा कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों को बेबुनियाद निशाना बनाना पूरी तरह से अस्वीकार्य है। हमें कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा को लेकर मौजूदा ट्रूडो सरकार की प्रतिबद्धता पर बिल्कुल भरोसा नहीं है। साथ ही चेताया था कि भारतीय राजनयिकों के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाने की कनाडा सरकार की नई कोशिशों के जवाब में अब भारत के पास आगे कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित है। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो अपने राजनीतिक फायदे के लिए जानबूझकर भारत को बदनाम कर रहे हैं। भारत और कनाडा के बीच निज्जर की हत्या से उत्पन्न तनाव की स्थिति और बदतर हो गई है।

कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित करने का निर्णय
इस बीच, भारत सरकार ने कड़ा कदम उठाते हुए कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित करने का निर्णय लिया है। विदेश मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि इन राजनयिकों में कार्यवाहक उच्चायुक्त स्टीवर्ट रॉस व्हीलर, उप उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट, प्रथम सचिव मैरी कैथरीन जोली, प्रथम सचिव लैन रॉस डेविड ट्राइट्स, प्रथम सचिव एडम जेम्स चुइपका, प्रथम सचिव पॉला ओरजुएला शामिल हैं। इन्हें शनिवार, 19 अक्टूबर, 2024 को रात 11:59 बजे तक या उससे पहले भारत छोड़ना होगा

विदेश मंत्रालय ने कहा – कनाडा ने अभी तक एक भी सबूत नहीं दिया
मंत्रालय ने कहा कि कनाडा के पीएम ट्रूडो ने सितंबर 2023 में कुछ आरोप लगाए थे, लेकिन हमारे कई अनुरोधों के बावजूद कनाडा सरकार ने भारत सरकार के साथ एक भी सबूत साझा नहीं किया। कनाडा का यह नया कदम उन बातचीत के बाद उठाया गया है जिनमें एक बार फिर बिना किसी तथ्य के दावे किए गए। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह उसकी जांच के बहाने राजनीतिक लाभ के लिए भारत पर कीचड़ उछालने की एक सोची समझी रणनीति है। भारतीय राजनयिकों को निशाना बनाने वाला यह नवीनतम घटनाक्रम अब उसी दिशा में अगला कदम है।

हमने सबूत दिए हैं अब भारत उन पर गौर करे: कनाडा उच्चायुक्त
विदेश मंत्रालय से निकलने के बाद कनाडा के उच्चायुक्त स्टीवर्ट व्हीलर ने कहा कि कनाडा ने भारत सरकार के एजेंटों और कनाडा में एक कनाडाई नागरिक की हत्या के बीच संबंधों को लेकर विश्वसनीय सबूत उपलब्ध कराए हैं। अब भारत के लिए समय आ गया है कि वह जो कहता है उस पर खरा उतरे और सभी आरोपों पर गौर करे। इसकी तह तक जाना दोनों देशों और उनके लोगों के हित में है। कनाडा भारत के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।

राजनयिक के जरिये मिली जानकारी
विदेश मंत्रालय ने सोमवार को बताया कि भारत को रविवार को कनाडा ने राजनयिक माध्यम से जानकारी दी कि भारतीय उच्चायुक्त और अन्य राजनयिक उनके देश में एक जांच से संबंधित मामले में ‘पर्सन ऑफ इंटरेस्ट’ हैं। पर्सन ऑफ इंटरेस्ट का मतलब यह है कि किसी एक व्यक्ति के बारे में पुलिस को लगता है कि वह किसी अपराध में शामिल हो सकता है लेकिन उस औपचारिक आरोप नहीं लगाए सकते और न गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। हालांकि उसकी गतिविधियों, संपर्कों और अन्य जानकारी को जांच के दायरे में रखा जाता है। मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को पूरी दृढ़ता से खारिज करती है और इन्हें जस्टिन ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा मानती है, जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है।

पीएम ट्रूडो की लंबे समय से है भारत के प्रति शत्रुता
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की भारत के प्रति शत्रुता लंबे समय से साफ दिख रही है। 2018 में भारत की यात्रा में उन्हें असहजता का सामना करना पड़ा। उनकी इस यात्रा का मकसद वोट बैंक को लुभाना था। उनके मंत्रिमंडल में ऐसे लोग शामिल हैं जो भारत के संबंध में चरमपंथी और अलगाववादी एजेंडे से खुले तौर पर जुड़े हुए हैं। दिसंबर 2020 में भारतीय आंतरिक राजनीति में उनके खुले हस्तक्षेप से पता चला कि वह इस संबंध में किस हद तक जाने को तैयार थे। मंत्रालय ने कहा कि उनकी सरकार एक ऐसे राजनीतिक दल पर निर्भर है जिसके नेता भारत के प्रति खुलेआम अलगाववादी विचारधारा का समर्थन करते हैं।

उच्चायुक्त पर लगाए गए आरोप हास्यास्पद
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा 36 वर्षों के प्रतिष्ठित करियर के साथ भारत के सबसे वरिष्ठ सेवारत राजनयिक हैं। वह जापान और सूडान में राजदूत रहे चुके हैं, जबकि इटली, तुर्किये, वियतनाम और चीन में भी कार्यरत रहे हैं। कनाडा सरकार की ओर से उन पर लगाए गए आक्षेप हास्यास्पद हैं और जिसे अवमानना माना जाना चाहिए। मंत्रालय ने दिल्ली स्थित कनाडा के उच्चायोग पर निशाना साधा। उसने कहा कि भारत में कनाडा के उच्चायोग की गतिविधियां भी सही नहीं हैं और वे भी मौजूदा शासन के राजनीतिक एजेंडे को पूरा कर रहे हैं।
ये है मामला
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिस ट्रूडो लगातार भारत पर खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले पर आरोप लगा रहे हैं। दरअसल, निज्जर की पिछले जून में ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। कुछ मीडिया खबरों में निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया गया था।
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