बिलासपुर | होली के दिन दुर्ग ज़िले के खुर्सीपार क्षेत्र में नाच-गाने के दौरान हुए एक विवाद, जिसमें चाकू से हमले और गंभीर चोटों के आरोप लगे थे, उस मामले में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने आरोपी को नियमित ज़मानत प्रदान की है।
मामले की सुनवाई छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश श्री रमेश सिन्हा जी की एकलपीठ में हुई। मामले में आरोपी की तरफ से अनादि शर्मा अधिवक्ता नें पैरवी करी।
घटना 14 मार्च 2025 की है, जब मोहल्ले में होली के मौके पर नृत्य चल रहा था। इसी दौरान कथित रूप से धक्का-मुक्की से विवाद बढ़ा और एक युवक ने तीन लोगों को चाकू मार दिया। बाद में दोनों पक्षों द्वारा अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई गईं। दूसरी एफआईआर में यह आरोप था कि हमला करने वाले युवक को पकड़कर तीन लोग उसे पास के घर ले गए और वहां उस पर चाकू व लात-घूंसे से हमला किया गया, जिससे वह बुरी तरह घायल हुआ।
घटना के संबंध में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 109, 3(5) तथा आर्म्स एक्ट की धारा 25, 27 के तहत मामला दर्ज कर चार्जशीट दायर की। आरोपी तब से न्यायिक हिरासत में था।
📌 इस प्रकरण में ज़मानत याचिका पर प्रभावशाली बहस अधिवक्ता अनादि शर्मा द्वारा प्रस्तुत की गई, जिन्होंने अदालत को निम्नलिखित बिंदुओं पर सहमत कराया:
घटना होली के दिन नाच-गाने के दौरान हुई, जहाँ एक छोटी सी धक्का-मुक्की ने देखते ही देखते गंभीर रूप ले लिया,
आरोपी स्वयं घायल हुआ और उसकी भूमिका रक्षात्मक थी,
दोनों पक्षों द्वारा क्रॉस एफआईआर दर्ज की गई हैं, जो आपसी झगड़े को दर्शाती हैं,
गंभीर आरोपों को लेकर साक्ष्य अस्पष्ट हैं, और चाकू की बरामदगी में विरोधाभास है,
प्रकरण में चार्जशीट प्रस्तुत की जा चुकी है,
और आरोपी का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है।
🧾 न्यायालय ने इन सभी तर्कों पर विश्वास जताया और माना कि आरोपी को जेल में बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए, उसे नियमित ज़मानत दी गई है।

