Friday, August 15, 2025
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महादेव एप सट्टेबाजी मामले में अब बड़ी कार्रवाई के संकेत, आईपीएस-नेता समेत 150 को सीबीआई का समन

रायपुर। बहुचर्चित महादेव ऑनलाइन बेटिंग एप मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच तेज कर दी है। मामले से जुड़े 150 से अधिक पुलिसकर्मियों, आईपीएस व प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं को समन जारी किया है। सीबीआई ने सभी को एक हफ्ते में पूछताछ के लिए बुलाया है। सीबीआई की सक्रियता और पूछताछ के इस नए दौर से साफ संकेत मिल रहे हैं कि जल्द ही कई रसूखदारों पर कानून का शिकंजा कसेगा।

सूत्रों ने बताया कि सीबीआइ ने पिछले दो दिनों में दो वरिष्ठ अधिकारियों से करीब चार घंटे तक पूछताछ की है। पूछताछ के दौरान अधिकारियों से प्रोटेक्शन मनी, हवाला लेन-देन और राजनीतिक फंडिंग से जुड़े सवाल पूछे गए। एक आईपीएस अधिकारी से पूछताछ के बाद महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मांगे गए हैं।

जांच में सामने आया है कि सट्टेबाजी से होने वाला काला धन नीचे से ऊपर तक पहुंचाया गया, जिसमें कई बड़े नामों की संलिप्तता सामने आई है। इतना ही नहीं वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में एक पार्टी को बड़े पैमाने पर फंडिंग के आरोप भी इस केस में जोड़े गए हैं। सीबीआई इस पूरे मामले की विस्तृत जांच कर रही है और साक्ष्य जुटाने का काम तेजी से किया जा रहा है। ऐसे में जल्द ही रसूखदार लोगों पर शिकंजा कस सकता है।

सीबीआई की ताजा कार्रवाई से राज्य की सियासत और प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। आने वाले दिनों में और बड़े नाम सामने आ सकते हैं, जिसकी वजह से महादेव एप केस फिर से सुर्ख़ियों में है।

महादेव बेटिंग एप के जरिए ऑनलाइन सट्टेबाजी का बड़ा नेटवर्क चलाया जा रहा था, जो न केवल देशभर में फैला था, बल्कि विदेशों से भी संचालन किया जा रहा था। इस नेटवर्क के पीछे बैठे मास्टरमाइंडों ने हजारों करोड़ रुपये की हेराफेरी की है। इस प्रकरण में सीबीआई ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत 21 लोगों पर भ्रष्टाचार, ठगी और जुआ एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। जिन लोगों पर केस दर्ज किया गया है, इनमें महादेव सिंडिकेट से जुड़े सदस्य, कारोबारी, पुलिस अधिकारी और राजनेता शामिल हैं।

महादेव एप सट्टेबाजी केस में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत एप के प्रमोटर शुभम सोनी,सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल, रोहित गोलाटी, विशाल आहूजा,चंद्रभूषण वर्मा,धीरज आहूजा,असिम दास, अनिल कुमार दम्मानी, सतीश चंद्राकर,भीम सिंह यादव, हरिशंकर टिबरेवाल, नितेश दीवान, सुरेंद्र बागड़ी, सूरज चोखानी, अनिल अग्रवाल,अज्ञात ब्यूरोक्रेटस और पुलिस अधिकारी, विकास छापरिया और अज्ञात के खिलाफ सीबीआई ने नामजद एफआइआर 18 दिसंबर 2024 को रजिस्टर्ड किया था।

इस केस में कई पुलिस अधिकारियों पर भी पैसे लेने का आरोप है। जांच एजेंसी ने आईपीएस आनंद छाबड़ा,अभिषेक पल्लव,आरिफ शेख,प्रशांत अग्रवाल समेत अन्य पुलिस अधिकारियों के आवास पर जांच एजेंसी ने छापामार कार्रवाई भी की थी।

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