जगदलपुर-बस्तर में धर्मांतरण के खिलाफ सर्व आदिवासी समाज ने जगदलपुर शहर से लगे गांव में मोर्चा खोल दिया है। गांव के सिरमूड़ पंचायत में पादरी के प्रवेश पर रोक लगाते हुए बाहर पोस्टर लगा दिया गया है और इसे धर्मांतरण रोकने का जरिया बताया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 10 से 12 सालों में धर्मांतरण के कई मामले सामने आए हैं, जिसकी वजह से यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। गौरतलब है कि लगातार बस्तर जिले की अलग-अलग गांवों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जहां मिशनरियों के गांव में प्रवेश को लेकर स्थानीय समाज विरोध कर रहा है।
बस्तर में मतांतरण को लेकर अब गांव में पादरी के प्रवेश पर रोक लगाने की तैयारी समाज के लोगों ने शुरू कर दी है। सर्व आदिवासी समाज ने गांव में बढ़ रहे मतांतरण के कारण गांव के बाहर पोस्टर लगाना शुरू किया है। बस्तर में मतांतरण को लेकर स्थानीय समुदाय का विरोध निरंतर बढ़ रहा है। इस मामले में जगदलपुर शहर के नज़दीक की पंचायत में सामाजिक बैठक कर सर्व आदिवासी समाज के नेताओं ने गांव में मसीही समुदाय के पादरियों के प्रवेश पर रोक लगा दी है। ताजा मामला सिरमूड़ गांव का है, जहां पादरी के प्रवेश पर रोक लगाने का पोस्टर गांव के बाहर लगा दिया गया। इस पोस्टर लगाने से गांव में डर का माहौल है। गांव में मतांतरित समुदाय के भी कई लोग रहते हैं, पर उन्हें इस बैठक में नहीं बुलाया गया।
गांव के सर्व आदिवासी समाज और स्थानीय समुदाय के लोगों का कहना है कि 10 साल पहले गांव में एक भी मतांतरित व्यक्ति नहीं था, लेकिन पिछले कुछ समय से लगातार मतांतरण बढ़ रहा है और गांव में मतांतरित समुदाय के लोगों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। इसी वजह से गांव के लोगों ने बैठक कर इस बात का फैसला लिया, और इस बैठक में मतांतरित समुदाय की जनप्रतिनिधियों को भी नहीं बुलाया गया।

