Friday, November 28, 2025
Homeछत्तीसगढ़बुखार आने पर बैगा-गुनिया से झाड़-फूंक कराते रहे, 3 दिन में एक...

बुखार आने पर बैगा-गुनिया से झाड़-फूंक कराते रहे, 3 दिन में एक ही परिवार के 3 बच्चों की मौत

गरियाबंद-छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में तीन दिनों में तीन सगे भाई-बहन की मौत हो गई। शुरुआती जांच में पता चला है कि बच्चों की मौत का मुख्य कारण अंधविश्वास, झोलाछाप डॉक्टर का गलत इलाज और परिजनों द्वारा समय पर अस्पताल न ले जाना था। घटना मैनपुर ब्लॉक के धनोरा गांव की है।

जानकारी के अनुसार, पिता का नाम डमरुधर नागेश है। जो कि पेशे से मजदूर है। वह परिवार के साथ हाल ही में अपने ससुराल मक्का तोड़ने साहिबिन कछार गया था। जहां तीनों बच्चों को बुखार आने लगा। जहां उन्होंने झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराया लेकिन बुखार उतर नहीं पाया।

इसके बाद वो गांव लौट आए और बच्चों को अस्पताल न ले जाकर बैगा-गुनिया के पास झाड़-फूंक कराने लगे। इस बीच तीन दिनों में तीनों भाई-बहन की मौत हो गई। इस मामले में सीएमएचओ एसके नवरत्न के निर्देश के बाद जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित कर उसे तुरंत धनोरा गांव भेजने के निर्देश दिए हैं।

दरअसल, डमरुधर नागेश के 2 बेटे और 1 बेटी थी। वो परिवार के साथ ससुराल काम करने गया था। जहां बच्चों को तेज बुखार आने लगा, लेकिन उन्होंने झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराया। इसके बाद भी उन्हें राहत नहीं मिली। ऐसे में वह अपने गांव लौट आए।

लेकिन वो बच्चों को अस्पताल न ले जाकर बैगा-गुनिया के पास झाड़-फूंक कराने ले गए। 11 नवंबर को 8 साल की बेटी अनिता नागेश की हालत बिगड़ी। जब उसे अमलीपदर अस्पताल ले जाया गया, तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।

13 नवंबर को 7 साल के बेटे ऐकराम नागेश को देवभोग ले जाया गया, लेकिन उसने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। उसी शाम 4 साल के बेटे गोरश्वर नागेश की भी जंगल के बैगा के यहां झाड़-फूंक के दौरान मौत हो गई।

ग्राम धनोरा की मितानिन कुमारी कामता नागेश ने बताया कि पहले बच्चे की मौत 13 नवंबर को हुई। इसके बाद एक ही दिन दो बच्चों ने दम तोड़ दिया। तीनों एक ही परिवार के बच्चे थे।मलीपदर शासकीय अस्पताल के डॉ. रमाकांत ने बताया कि 13 नवंबर को जिस बच्चे की मौत हुई, उसे बुखार, सर्दी-खांसी था। सीएमओ ने बच्चों के परिजनों को अस्पताल में आकर जांच कराने के लिए कहा था। लेकिन वो नहीं माने।

ग्रामीणों के अनुसार, अस्पताल की दूरी, एम्बुलेंस की देरी और डॉक्टरों की अनुपलब्धता भी बड़ी समस्या बनी। इस पूरे मामले में गरियाबंद सीएमएचओ एसके नवरत्न ने कहा कि यह घटना गंभीर है और इसकी जांच के आदेश दिए जा रहे हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments