तिल्दा नेवरा -तिल्दा केसरवानी मोहल्ले में सुभाष चंद्र केसरवानी के निवास पर चल रहे संगीतमय श्रीशिव महापुराण कथा के चौथे दिन व्यास आचार्य नरेंद्र रामदास ने कहां की शिव महापुराण कथा से ही हमें कई यूनियो से मुक्ति मिल जाती है |उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन दो ही कारण से प्राप्त होते हैं, एक तो परमेश्वर की भजन भक्ति कीर्तन करने के लिए, और दूसरा हमारे द्वारा पूर्व जन्म में जो किए गए फल को भोगने के लिए होता है.. मानव का शरीर मिलना बहुत ही कठिन है और उससे ज्यादा परमेश्वर की भक्ति कर पाना,| मनुष्य जिस शिव भगवान का स्मरण , पूजन करते हैं, भक्ति में डूबे रहते हैं, उस शिव भगवान का मात्र स्पर्श से एक योनि से छुटकारा मिल जाता है…

आचर्य ने कहा कि तिल्दा के नगरवासी धन्य है जो ओम नमः शिवाय शिव महापुराण कथा को पुरुषोत्तम मास याने की अधिक मास वह भी सावन महीने में कथा का श्रवण कर रहे हैं ..18 पुराणों में शिव महापुराण में शिव की महिमा का वर्णन है, मानव जीवन अति दुर्लभ है.. आचार्य ने पतिव्रत धर्म का वर्णन करते हुए स्त्रियों को सूचित किया कि वे रूप और सौंदर्य को महत्व न देकर अपने धर्म के मार्ग पर चलें..कथा में आचार्य नरेंद्र रामदास ने पार्वती जन्म का बड़े ही सुंदर ढंग से वर्णन करते हुए श्रोताओं को कथा का श्रवण कराया..।कथा में भजनों पर श्रोता नाचते हुए भगवान शिव के जयकारे लगाते रहे..कथा के चौथे दिन गुरुवार को हजारों की संख्या में श्रोता कथा का श्रवण करने पहुंचे थे|

