ED ने 3 नवंबर को आधिकारिक बयान में कहा कि ऑनलाइन सट्टा एप के लोगों ने CM भूपेश बघेल को 508 करोड़ की राशि दी। इसपर पलटवार करते हुए कांग्रेस ने हैरान करने वाले दावे किए हैं। कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि जिस असीम दास नाम के ड्राइवर ने ED को बयान दिया है वो भाजपा कार्यकर्ता है। गिरफ्तार आरोपी असीम दास बीजेपी पार्षद पीयूष मिश्रा के साथ फोटो में दिखाई दे रहा है।
कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में कांग्रेस नेता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि ईडी और भाजपा ने मिलकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि खराब करने साजिश रची। ईडी ने अपने प्रेस नोट में सिर्फ एक आरोपी के फौरी बयान के आधार पर मुख्यमंत्री के खिलाफ बिना किसी प्रमाण के, बिना किसी जांच के पैसे लेने का प्रेस नोट हड़बड़ी में जारी कर दिया।
कांग्रेस का दावा है कि जिस ड्राइवर असीम के बयानों के आधार पर मुख्यमंत्री पर अनर्गल आरोप लगाए गए हैं, वह भाजपा के लिए काम करता है। वह बीजेपी के पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे के सहयोगी पियूष मिश्रा का सहयोगी है। वह रमन सिंह का भी कार्यकर्ता है। रमन सिंह के साथ उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर है। ये तस्वीरें कांग्रेस ने जारी की है।
भिलाई का रहने वाला असीम दास ड्राइवरी का काम करता है और सट्टा रैकेट में शामिल था। कांग्रेस का दावा है कि वह पीयूष मिश्रा जो भाजपा का पार्षद है, और प्रेम प्रकाश पांडे का प्रतिनिधि था, उसके साथ उठता-बैठता था।
कांग्रेस ने कुछ तस्वीरें जारी करते हुए बताया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस के साथ महादेव ऐप के सरगना सौरभ चंद्राकर और युसूफ पुट्टी जो कि महादेव ऐप का एक सहयोगी है, जिसके खिलाफ एफआईआर भी हुई है। उसकी तस्वीर रमेश बैस के साथ है। युसूफ पुट्टी के साथ दुबई कौन से भाजपा नेता गए थे इसकी जांच होनी चाहिए ?
कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप
- महादेव ऐप को भाजपा का पूरा संरक्षण है। केंद्र सरकार और भाजपा के संरक्षण में ही महादेव ऐप चल रहा है।
- रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह और रमन के पूर्व 3 नौकरशाह का बेटा दुबई क्यों जाते हैं, इसका जवाब दें? रमन सिंह, अभिषेक सिंह के पासपोर्ट को सार्वजनिक करें।
- भाजपा नेताओं की महादेव ऐप में संलिप्तता और संरक्षण का यह बड़ा उदाहरण है।
- मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की कोशिश है। ईडी लगातार कांग्रेस सरकार को बदनाम करने का षड़यंत्र केंद्र के इशारे पर कर रही है। अब तो इस मामले में भाजपा नेताओं के साथ उसकी सांठगांठ उजागर हो चुकी है।
- महादेव ऐप को भाजपा की केंद्र सरकार और यूपी की योगी सरकार का संरक्षण है।
- यदि ऐसा नहीं है तो केंद्र सरकार महादेव ऐप के सरगना जो दुबई में बैठे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही? उनको भारत लाने के लिए क्या प्रयास किए गए ? केंद्र इस ऑनलाइन गेमिंग ऐप पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगा रहा है ? जब चाइना 150 से अधिक ऐप पर एक दिन में प्रतिबंध लगा सकता है तो इस ऐप पर केंद्र की मेहरबानी के क्या मायने हैं। महादेव ऐप एक संगठित गिरोह है।