Saturday, July 5, 2025
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भीम आर्मी चीफ बोले बलौदाबाजार हिंसा सोची-समझी साजिश:भटगांव में चंद्रशेखर ने कहा- सतनामी समाज को टारगेट किया गया

बलौदाबाजार=भीम आर्मी के चीफ और उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि, बलौदाबाजार में जो हुआ, वो एक दिन की घटना नहीं है। बार-बार हमारे जैतखंब को, हमारी आस्था को, हमारे सम्मान को अपमानित करने का काम किया, हमें पीड़ा देने का काम किया। चंद्रशेखर गुरुवार को एक दिवसीय दौरे पर छत्तीसगढ़ पहुंचे हैं।

बिलाईगढ़ के भटगांव में जनसभा को संबोधित करते हुए चंद्रशेखर ने कहा कि, हमने प्रशासन से बार-बार मांग कि इसकी सीबीआई जांच करा दो। यह सोची-समझी साजिश है, लेकिन एक महीने बाद 3-4 लोगों को गिरफ्तार कर खानापूर्ति की। उन्होंने कहा कि, हमारा सतनामी समाज कभी हिंसा के रास्ते पर नहीं जा सकता है। अगर ये हिंसा के रास्ते पर चलने वाला समाज होता तो छत्तीसगढ़ में कोई आंख उठाने वाला नहीं होता।

समाज को बदनाम करने का षड्यंत्र है ये

चंद्रशेखर ने कहा कि, जो संविधान को मानने वाले हैं, वो कभी हिंसा का सहारा नहीं लेते हैं। ये जिस दिन इकठ्‌ठा हुए थे, अपनी बात को कहने के लिए हुए थे। लेकिन इस भीड़ में असामाजिक तत्वों ने इसे अंजाम दिया। इस समाज को बदनाम करने के लिए षड्यंत्र किया। सरकार ने इसकी तह में जाना उचित नहीं समझा। बल्कि सरकार ने समाज के लोगों को टारगेट करने का काम किया। उनको जेल भेजा।

उन्होंने कहा कि, क्या हमें नहीं पता कि आंदोलन को कैसे कुचला जाता है। उसे कैसे बदनाम किया जाता है। आपको क्या लगता है कि हम डर जाएंगे, हम छिप जाएंगे। हमारे प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार जांगड़े बीमार थे। किसी तरह वे ठीक हुए। प्रशासन को जैसे ही पता चला कि मैं यहां आने वाला हूं तो राजकुमार को पकड़ लिया। उन्हें पीटा गया और जेल भेज दिया।सरकार अगर गुंडागर्दी, तानाशाही पर उतर आई है, अगर वो सतनामी समाज को कुचलने पर उतर आई है तो चेतावनी है कि करो मुकाबला, हम करेंगे।

सरकार दोषियों को बचा रही

इससे पहले चंद्रशेखर ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन से भी मुलाकात की। इसके बाद मीडिया से चंद्रशेखर ने कहा कि, बलौदाबाजार की घटना निंदनीय है। मैं भी यह मांग करता हूं कि उसमें सख्त कार्रवाई हो, लेकिन जिन्होंने अपराध किया है, उनके ऊपर ही हो। अपराध तब तक साबित नहीं होता है, जब तक उसकी जांच न हो।निर्दोष लोगों पर कार्रवाई करके दोषियों को बचाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि, यह जानबूझकर किया गया षड्यंत्र है। ऐसा क्यों होता है कि घटना में कुछ ही फाइल है जलती है। बाहर के पोर्शन में आग नहीं लगती। इस मामले में उलझाकर प्रदेश में गंभीर जो मामले चल रहे हैं, उनमें पर्दा हटाने का जो इंतजाम चल रहा है, वह नहीं चलेगा। इस बात का जवाब देना पड़ेगा।

जांच से पहले ही समाज के लोगों पर की जा रही हिंसा

सांसद ने कहा कि, जांच के लिए न्यायिक कमेटी बनाई गई है, उसने 3 माह का समय मांगा है। उससे पहले ही सतनामी समाज के लोगों पर हिंसा की जा रही है। उन्हें पकड़ा जा रहा है, पीटा जा रहा है। उनकी खाल उतारी जा रही है, उन्हें जेल भेजा जा रहा है। ऐसा लगता है की समाज से कोई पुरानी रंजिश हो ऐसा दिख रहा है।

चंद्रशेखर ने कहा कि, बलौदाबाजार में हुई हिंसा की घटना सोची-समझी साजिश है। लगातार समाज के युवाओं को टारगेट किया जा रहा है। जो समाज के लिए काम कर रहे हैं, उन्हें ही जेल में बंद किया जा रहा है। यह पुलिस और प्रशासन का फेलियर है। जिन फाइलों में आग लगी वह किनकी है। किसे बचाया जा रहा है। यह बात हम नहीं समझ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि, मनखे-मनखे एक समान का नारा देने वाले गुरु घासीदास ने कभी हिंसा का रास्ता नहीं दिया है। सतनामी समाज के लोगों को हिंसक साबित करने के लिए जो सरकार लगी हुई है। एडमिनिस्ट्रेशन और पुलिस लगी हुई है यह किसी भी सूरत में बर्दाश्त करने योग्य नहीं है

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