धरसीवा-छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से महज 20 किलोमीटर धरसीवा विधान सभा षेत्र के नकटी गांव में 85 घरों को तोड़े जाने के लिए ग्रामीणों को मिले नोटिस के बाद ग्रामीण गुस्से में है..खासकर महिलाए काफी आक्रोशित है नोटिस मिलने के बाद से महिलाए बच्चों को साथ हाथो डंडे लेकर धरने पर बैठे जमीन की पहरेदारी कर रही हैं.कल तक .ग्रामीणों का आंदोलन गाव तक सिमित था अब ग्रामीणों के साथ भाजपा के नेता और क्रांति सेना जुड़ गई है..सभी एक बात कह रहे है गाव वालो के साथ सरकार अन्याय कर रही है..इसका विरोध करगे पर जमकर करेगे …

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से महज 20 किलोमीटर दूर नकटी गांव में करीब 300 लोगों के 85 घरों पर बुलडोजर चलेगा। इनमें 15 घर ऐसे हैं…, जो 2018 से अब तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने हैं। यहां सरकार विधायक कॉलोनी बनाने की तैयारी में है।…इस पर नकटी गांव के लोगों का कहना है कि ये जमीन हमारे पुरखों की है। हमारे और बच्चों के सीने पर बुलडोजर चढ़ा दो, फिर भी जमीन नहीं देंगे। यहां सरकारी नल हैं, पानी की टंकी है, बिजली के खंभे हैं, लेकिन सरकार की नजर में ये गांव अचानक अवैध कैसे हो गया।
महिलाओं का कहना है कि हम छत्तीसगढ़िया हैं। हम कोई बांग्लादेशी या पाकिस्तानी नहीं हैं। उल्टा परदेसिया छत्तीसगढ़ में कब्जा किए बैठे हैं। हमारे पास जमीन से जुड़े कागज भी हैं। गांव की महिलाएं सप्ताहभर से धरने पर बैठी हैं। कह रही हैं कि कोई अगर जमीन हड़पने के लिए घुसा तो वह लाठी से जवाब देंगी नकटी गांव में बढ़ते विवाद, गांव खाली करने के आदेश और लोगों में गुस्से के बीच VCN टाइम्स की टीम ग्राउंड जीरो पर पहुंची। यहां के लोगों से बातचीत की
दरअसल,गाव को अवैध’ बताने की कहानी तब शुरू हुई जब 21 मार्च 2025 को छत्तीसगढ़ के विधानसभा के बजट सत्र में बीजेपी विधायक धर्मजीत सिंह ने सवाल पूछा था कि क्या रायपुर में विधायकों और सांसदों को जमीन देने के लिए कोई प्रस्ताव है…..। इसका जवाब देते हुए राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा था कि हम जमीन देख रहे हैं…।उन्होंने कहा था कि नया रायपुर के नकटी गांव में हम जमीन देख रहे हैं। यह प्रक्रियाधीन है,,अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। इसके बाद से प्रशासन ने गांव पर कार्रवाई तेज कर गांव खाली करने ग्रामीणों को नोटिस जारी कर दिया इसी आदेश के खिलाफ महिलाएं लाठी लेकर धरना पर बैठी हैं।
धरसीवा विधान सभा शेत्र के नकटी गांव में कच्चे और पक्के मिलाकर करीब 80 घर बने हैं। इन घरों में साहू, यादव और सतनामी समुदाय के करीब 300 लोग लोग रहते हैं। ये लोग खेती किसानी और मजदूरी करते हैं। साथ ही बच्चे स्कूल जाते हैं, लेकिन अभी महिलाएं और बच्चे धरने पर बैठे हैं।,,धरने पर बैठी महिलाओं और PM आवास से बनाए गए घरों के मालिकों से हमने बातचीत। इस दौरान गांव की बुजुर्ग महिला कमला यादव कहती हैं कि उनके सीने पर चाहे बुलडोजर चल जाए, लेकिन वह अपनी जमीन नहीं देंगी।
गाव के किसुन यादव-कमला यादव- फेरही साहू ललित कुमार यादव-इन्हें डर है कि उनका PM आवास योजना से बना घर तोड़ दिया जाएगा,,।ऐसे में वह कहां रहेंगे,,। उनका कहना है कि जिस जगह को अवैध बताया गया है, वहां बिजली के खंभे ट्रांसफॉर्मर, पानी की टंकी ये सब प्रशासन की मदद से बने हैं, तो हमारा गांव, हमारे घर अवैध कैसे।…बुजुर्ग महिला फेरही के बेटे घनश्याम ने PM आवास योजना के तहत तैयार एक कमरे का मकान दिखाया। उसने कहा कि मेरी मां के नाम से ये मकान है। अब विधायक कॉलोनी के लिए इसे तोड़ेंगे कह रहे हैं। हमारे पास कागजात हैं। ये नेताओं की जमीन है क्या, हमारे पास नक्शा खसरा है।
नकटी गांव के सरपंच बिहारी लाल यादव ने बताया कि गांव में 25 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से अब तक 15 ही बन पाए हैं। बाकी का काम चल रहा है। प्रशासन ने पूरे गांव को खाली करने और अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त करने का नोटिस दिया है। ऐसे में प्रधानमंत्री आवास अवैध कैसे हो सकते है ..गांव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मंच प्रशासन की मदद से बना है। यहीं बैठकर गांव की महिलाएं हाथों में लाठी लिए प्रशासन और विधायक सरकार के खिलाफ धरना दे रही हैं। गांव की महिलाओं ने पूछा कि क्या हमने हमारे गांव को उजाड़ने के लिए जनप्रतिनिधि बनाया था।
ग्राम नकटी, पटवारी हल्का नंबर 77,अतिक्रमित भूमि खसरा नंबर 460 , रकबा 15.4790 हेक्टेयर पर ग्राम पंचायत नकटी के निवासी अतिक्रमणकर्ताओं ने कब्जा किया है। 11 अप्रैल 2025 को इस भूमि से अतिक्रमणकर्ताओं के बेदखली का आदेश भू राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत पारित किया गया है।स्वयं भूमि से कब्जा हटाकर न्यायालय काे 28 अप्रेल को सूचित करें, नहीं तो कब्जा हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद से ग्रामीणों के बवाल की वजह से अब तक प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर सका है। ये नोटिस गांव के 85 परिवारों को दिया गया है। 300 से ज्यादा लोग इनमें रहते हैं।
एक तरफ तो विधायक अनुज शर्मा कह रहे है कि जो भी जरूरतमंद हैं, वहां उनके साथ किसी प्रकार का अन्याय न हो, ये मैं जरूर देखूंगा। लेकिन जब गाव में बने PM आवास के बारे में पूछा गया की क्या ये अवैध हैं इस सवाल पर उन्होंने कहा ये सरकार को देखना है, इस पर क्या निर्णय होगा। अनुज शर्मा से ग्रामीण इतना नाराज है कीवे उनका चेहरा नही देखना चाह रहे है ,,उनके प्रति ग्रामीणों के मुह से सिर्फ गलिया और बद दुआए निकल रही है

