फूल हमारी श्रद्धा और भावना का प्रतीक हैं. पूजन और जीवन में हर फूल का अपना अलग महत्व है. फूलों की सुगंध वातावरण को इतना शुद्ध कर देती है कि ईश्वर की कृपा सहज ही मिल जाती है. हर एक फूल की एक खास सुगंध और खास महत्व है.आइए जानते हैं कि पूजा-पाठ में फूलों का क्या महत्व है और अलग-अलग फूलों का ग्रहों से क्या संबंध है.
दे का फूल कई प्रकार का होता है. सबसे ज्यादा उपयोगी और महत्वपूर्ण पीले गेंदे का फूल होता है. गेंदे के फूल का संबंध बृहस्पति ग्रह से होता है. इसके प्रयोग से ज्ञान, विद्या और आकर्षण की प्राप्ति होती है. गेंदे के फूल के प्रयोग से आकर्षण क्षमता बढ़ जाती है. भगवान विष्णु को नियमित रूप से पीले गेंदे के फूल की माला चढ़ाने से संतान संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है.
गुलाब का फूल एक अद्भुत और चमत्कारी फूल है, जो रिश्तों पर सीधा असर डालता है. ज्योतिष और पूजा में लाल गुलाब का ही प्रयोग किया जाता है. लाल गुलाब मंगल से संबंध रखता है और इसकी खुशबू का संबंध शुक्र से होता है. इसके प्रयोग से प्रेम, आकर्षण, रिश्तों और आत्मविश्वास का वरदान मिलता है. लक्ष्मी जी को नियमित गुलाब अर्पित करने से आर्थिक स्थिति अच्छी हो जाती है. गुलाब देने से रिश्ते मजबूत होते हैं.
कमल का फूल शुद्ध रूप से दैवीय और आध्यात्मिक फूल माना जाता है. सफेद रंग का कमल सबसे पवित्र और ऊर्जा में सर्वश्रेष्ठ होता है. कमल का संबंध नौ ग्रहों और दुनिया की पूरी ऊर्जा से है. कमल का फूल अर्पित करने का अर्थ ईश्वर के चरणों में स्वयं को अर्पित करने से है. किसी भी एकादशी को कृष्ण जी को कमल के दो फूलअर्पित करने से संतान प्राप्ति की कामना पूरी होगी.
गुड़हल का फूल बहुत ऊर्जावान माना जाता है. देवी और सूर्य देव की उपासना में इसका विशेष प्रयोग होता है. नियमित रूप से देवी को गुड़हल अर्पित करने से शत्रु और विरोधियों से राहत मिलती है. गुड़हल का फूल डालकर सूर्य को जल अर्पित करने से सूर्य की कृपा मिलती है. हर तरह की शारीरिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है.