तिल्दा नेवरा- कहने को तो इस सड़क को गौरव पथ के नाम से जाना जाता है. लेकिन रोड की हालत मानसून सीजन में एकदम दर्दनाक हो चली है.इस रोड पर चलने के दौरान आदमी ऐसा महसूस करता है जैसे किसी खेत में कार मोटरसाइकिल दौड़ा रहा है. रेल ब्रिज की ओर से जैसे आदमी इस रोड के लिए आगे बढ़ता है तो एक-एक पग भारी होता है.इसमें गड्डो के साथ अभी बारिश में पालिका द्वारा डाली गई गिट्टी के साथ डगर फिसलन भारी हो गई है. गिट्टी-मिट्टी और उसमें भरा पानी वाहन चालक की अच्छी खासी परीक्षा लेता है,रेलवे ब्रिज से गायत्री मंदिर तक करीब 1 किलोमीटर के हिस्से की स्थिति यह बनी है कि हजारों की आबादी के लिए मुसीबत साबित हो रहा हैl
लोगों का कहना है कि नगर पालिका ने इस गौरव पथ पर बीते दो-तीन सालों सड़क मरम्मत के नाम पर लाखो रुपए तो खर्च किए हैं लेकिन कुछ काम हुआ नहीं है. जिसके कारण सड़क पर सिर्फ गड्ढे ही गड्ढे दिखते हैं।
जिसका खामियाजा जनता भुगत रही है ।
सड़क से गुजरने वाले लोग हो रहे हैं घायल..
शहर के लिए गौरव पथ के नाम से जाने जाने वाली इस सड़क का बड़ा महत्व है.क्योंकि इस सड़क से गुजरने वाली वाहनों को शहर के अंदर नहीं आना पड़ता.धान मंडी,अस्पताल,सब्जी मंडी,गायत्री मन्दिर,सुभाष चौक नेवरा हथबंद और आसपास के अन्य गांव जाने के लिए यह सड़क सुगम और सरल है, जब इस सड़क का निर्माण हुआ तो लोग काफी खुश थे. लेकिन भ्रष्टाचार के नाम पर भेट चढ़ी इस सड़क के बनने के कुछ दिन बाद ही डाबर उखाड़ने लगा और उसके बाद बार-बार कागजों पर सड़क की मारोमत होती रही. आज हालात यह है कि सड़क पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. अब यहां से गुजरने वाले वाहन सड़क से नहीं गड्डो से गुजर रहे हैं. जिसके कारण कई बार लोग चोटिल हो चुके हैं. मानसून सीजन के इस सीजन में आसपास के 1 किलोमीटर का इलाका रोड विहीन हो गया है सड़क पर से डाबर गायब है गड्ढे और उसमें भर पानी लोगों के लिए आफत बना हुआ है।
इ सड़क की तरह दीनदयाल चौक से हेमू कालानी चौक होते हुए अग्रसेन चौक तक 8 महीने पहले लाखों रुपए खर्च कर बनी सड़क भी गड्ढो में तब्दील हो गई है. इस उपयोगी मार्ग की हालत काफी दयनीय दशा में पहुंच गई है.नगर पालिका के द्वारा ठेके पर बनाई गई इस सड़क के ठेकेदार को सड़क निर्माण में की गई धांधली के बाद भी कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है,सड़क के सुधार के नाम पर समय-समय पर पतली बजरी को गड्डो में भर दिया जाता है, अब इसमें गिरकर लोग घायल हो रहे हैं