राजधानी रायपुर में आबकारी विभाग ने नकली शराब की बड़ी खेप बरामद की है। जांच टीम को नकली शराब को तैयार करने के लिए इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल भी मिला है। खास बात यह है कि एक्साइज डिपार्टमेंट के डिप्टी कमिश्नर विकास गोस्वामी ने खुद कोचिया (अवैध शराब का काम करने वाला) बनकर नकली शराब की डील की। फिर छापेमारी करते हुए नकली शराब बेचने वालों को धर दबोचा।
आबकारी विभाग की टीम ने नकली शराब का धंधा करने वाले जिस बदमाश को पकड़ा है, उसका नाम है मोतीलाल साहू। इसके अलावा युवराज साहू नाम के भी एक शख्स को पकड़ा गया है। इन दोनों के पास से करीब 60 पेटी शराब और 300 लीटर ओवर प्रूफ लिक्विड( जिसका इस्तेमाल नकली शराब बनाने में किया जाता है) बरामद किया गया है।
विभाग के डिप्टी कमिश्नर विकास गोस्वामी ने बताया कि हमें कई दिनों से नकली शराब के काम की जानकारी मिल रही थी। हमें इसे बनाने वालों को पकड़ना था। इसलिए ऑपरेशन प्लान किया गया। मैंने कोचिया बनकर नकली शराब के व्यापार करने वालों को ट्रेस किया। अलग-अलग नंबरों से नकली शराब बनाने वालों से डील की बातचीत की। आरोपी मोहित मोतीलाल साहू से डील होने के बाद उसके पास से 40 पेटी नकली शराब जब्त की गई है। गोवा ब्रांड से यह शराब बेचने की कोशिश की जाने वाली थी। बिना होलोग्राम के यह शराब वेगन-आर कार से बरामद की गई।

अधिकारियों ने बताया कि इसी तरह पिकअप में जांच के दौरान टीम को 12 पेटी नकली गोवा शराब मिली। लावारिस हालत में 8 पेटी नकली शराब भी मिली है। युवराज के पास से नकली शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाली 300 लीटर स्पिरिट भी मिली है। इससे 1500 लीटर नकली शराब बनाई जा सकती थी।
मुखबिरों से आबकारी विभाग के अधिकारियों को नकली शराब के ट्रांसपोर्टेशन की जानकारी मिली थी। आसपास के जिलों में गांव में यह शराब बेचने की तैयारी थी। बारिश के बीच टीम ने नाकेबंदी कर शराब अवैध शराब का धंधा करने वाले बदमाश युवराज को पकड़ा।
आबकारी विभाग ने दावा किया है कि राज्य में यह अपनी तरह की पहली बड़ी कार्रवाई है। अवैध शराब को तैयार करने वाली चीजें, खाली बोतल, ढक्कन भी मिले हैं। मोतीलाल साहू और युवराज साहू के खिलाफ छत्तीसगढ़ आबकारी एक्ट 1915 और 2020 के तहत कार्रवाई कर इन्हें जेल भेजा गया है।

नकली शराब मोतीलाल साहू के पास से बरामद की गई। इसमें शराब की पैकेजिंग ब्रांडिंग कुछ इस तरह से थी कि लोग असली-नकली शराब में फर्क नहीं कर पाते। आबकारी विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह शराब खुले तौर पर गांव-गांव में बेचने की तैयारी थी। इस शराब को पीने से लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती थीं।