Monday, July 7, 2025
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नौतपा के दौरान इस विधि से करें भगवान सूर्य की पूजा, धन-संपदा के साथ मान-सम्मान में होगी वृद्धि

नौतपा की शुरुआत 25 मई से शुरू हो रही है. जिसका समापन 2 मई को होगा इन 9 दिनों में भगवान सूर्य की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने का विधान है.

तिल्दा नेवरा: सनातन धर्म में नौतपा की अवधि बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक इस दौरान भगवान सूर्य की पूजा आराधना करने का विधान है. हिंदू पंचांग के मुताबिक इस साल नौतपा 25 मई से शुरू होकर 2 जून को समाप्त होगा. इन 9 दिनों में सबसे भीषण गर्मी पड़ती है. इस दौरान सूर्य की तपिश अपने चरम पर रहती है. इस दौरान गर्मी से राहत पाने के लिए लोग ठंडी चीजों का सेवन भी करते हैं. तो दूसरी तरफ इन दिनों भगवान सूर्य की पूजा आराधना करने का विशेष महत्व भी होता है. इन 9 दिनों तक भगवान सूर्य को प्रतिदिन जल अर्पित करना चाहिए साथ ही उनके वैदिक मित्रों का जाप करना चाहिए. ऐसा करने से कहा जाता है धन संपदा के साथ-साथ मान सम्मान में भी वृद्धि होती है.

नेवरा निवासी ज्योतिषी पंडित संतोष महराज बताते हैं कि हिंदू पंचांग के मुताबिक नौतपा की शुरुआत 25 मई से शुरू हो रही है. जिसका समापन 2 मई को होगा इन 9 दिनों में भगवान सूर्य की विधि विधान पूर्वक पूजा आराधना करने का विधान है . कहा जाता है इस दौरान प्रतिदिन भगवान सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए.

नौतपा के दौरान करें ये काम
पंडित संतोष महराज बताते हैं कि नौतपा के दौरान प्रतिदिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद पवित्र जल से भगवान सूर्य को तांबे के लोटे से जल अर्पित करना चाहिए. तांबे के लोटे में जल, कुछ फूल, अक्षत, गुड़, रोली इत्यादि चीजें मिला लें. इसके बाद पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल अर्पित करना चाहिए. सूर्य देव को जल चढ़ाने का सबसे अच्छा समय सूर्योदय माना गया है. जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्र या गायत्री मंत्र का जाप करें.

करें इस मंत्र का जाप
ॐ आदित्याय नम: सहस्त्ररश्मि: शतधा वर्तमान: पुर: प्रजानामुदत्येष सूर्य:। विश्वरूपं घृणिनं जातवेदसं हिरण्मयं ज्योतीरूपं तपन्तम्। ऊँ नमो भगवते श्रीसूर्यायादित्याक्षितेजसे हो वाहिनि वाहिनि स्वाहेति। गायत्री मंत्र:- ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का वीसीएन टाइम्स व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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