उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में पुलिस ने एक 29 वर्षीय महिला पूजा जाटव को गिरफ्तार किया है, जिस पर अपनी 60 वर्षीय सास सुशीला देवी की हत्या की साजिश रचने.का आरोप है. यह मामला पहली नजर में डकैती जैसा लग रहा था, लेकिन जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ी, तो हत्या, साजिश, विश्वासघात और अवैध संबंधों की परतें एक-एक करके खुलती चली गईं.
झांसी -उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में पुलिस ने एक 29 वर्षीय महिला पूजा जाटव को गिरफ्तार किया है, जिस पर अपनी 60 वर्षीय सास सुशीला देवी की हत्या की साजिश रचने का आरोप है. यह मामला पहली नजर में डकैती जैसा लग रहा था, लेकिन जैसे-जैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ी, तो हत्या, साजिश, विश्वासघात और अवैध संबंधों की परतेंएक-एक करके खुलती चली गईं. इस मामले तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं.
जानकारी के मुताबिक, 24 जून को झांसी के टहरौली थाना क्षेत्र में सुशीला देवी अपने घर में मृत अवस्था में मिलीं. इस घटना को देख ऐसा प्रतीत हुआ कि किसी अज्ञात गिरोह ने डकैती के दौरान हत्या कर दी. लेकिन मामले ने उस वक्त नया मोड़ लिया जब अंतिम संस्कार के बाद बहू पूजा जाटव अचानक लापता हो गई. उसके गायब
होने और परिजनों से संपत्ति विवाद की बात पता चलते ही पुलिस सचेत हो गई.
हत्याकांड की असली मास्टरमाइंड पूजा जाटव
पुलिस ने मोबाइल लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड, सीसीटीवी फुटेज और पूछताछ के जरिए पाया कि इस हत्याकांड की असली मास्टरमाइंड पूजा जाटव ही है. पूजा मूल रूप से ग्वालियर की रहने वाली है. वो झांसी में अपने ससुराल की 18 बीघा में से कुछ जमीन को बेचकर ग्वालियर में स्थायी रूप से बसना चाहती थी. ये जमीन उसके दिवंगत पति कल्याण के नाम पर थी. उसके ससुर और देवर संतोष जमीन में हिस्सा देने को तैयार थे.
यह बात उसके सास सुशीला देवी को मंजूर नहीं थी. उसने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से साफ इनकार कर दिया. यही इनकार पूजा को इतना नागवार गुजरा कि उसने सास की हत्या की साजिश रच डाली. पुलिस के अनुसार, पूजा ने इस काम के लिए अपनी बहन कामिनी और उसके प्रेमी अनिल वर्मा को शामिल किया. साजिश के तहत दोनों 24 जून की शाम झांसी पहुंचे. घर के लोगों के बाहर जाने का इंतजार किया.
ऐसे बेरहमी से की गई सुशीला देवी की हत्या
इसके बाद मौका देखकर घर के अंदर घुस गए. उन दोनों ने सुशीला देवी को पहले जहर का इंजेक्शन दिया, फिर गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी गई. हत्या के बाद घर से करीब 8 लाख रुपए के आभूषण भी चोरी कर लिए गए, ताकि इस घटना को डकैती जैसा दिखाया जा सके. लेकिन पूजा का अंतिम संस्कार के बाद गायब हो जाना, उसके बयानों में. विरोधाभास और मोबाइल डेटा ने उसे संदेह के घेरे में ला दिया.
पूछताछ में जब पुलिस ने कड़ाई की तो पूजा टूट गई और पूरी साजिश का खुलासा कर दिया. लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई. पूछताछ में पूजा का अतीत भी सामने आया, जिसने पूरे केस को और चौंकाने वाला बना दिया. पूजा की पहली शादी ग्वालियर के एक युवक से हुई थी. उस शादी में घरेलू हिंसा के मामले सामने आए. आरोप है कि एक झगड़े के दौरान उसके पहले पति ने उस पर गोली चला दी थी.
तलाक, संदिग्ध मौत और पूजा के अवैध संबंध
यह मामला कोर्ट तक पहुंच गया. उसी केस के दौरान पूजा की मुलाकात कल्याण नामक युवक से हुई. कल्याण ने पूजा से हमदर्दी दिखाई, दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और कुछ समय बाद दोनों ने शादी कर ली. शादी के छह साल बाद कल्याण की कथित रूप से एक सड़क दुर्घटना में मौतहो गई. इसके बाद पूजा ने उसके बड़े भाई संतोष से संबंध बना लिए. संतोष पहले से शादीशुदा था. पूजा उसके साथ लिव-इन में रहने लगी.
संतोष की पत्नी लगातार इस रिश्ते का विरोध करती रही. परिवार में अक्सर झगड़े होते रहे. इस बीच पूजा ने दावा किया कि वो कल्याण की विधवा है, इसलिए उसे पैतृक संपत्ति में आधा हिस्सा मिलना चाहिए. सास सुशीला देवी पूजा की इस मांग से सहमत नहीं थीं. उनका मानना था कि पूजा का व्यवहार अस्वीकार्य है. वह घर की संपत्ति पर जबरदस्ती का हक जमारही है.
कहानी महज एक आपराधिक हरकत नहीं है
बताया जा रहा है कि पूजा के अपने ससुर के साथ भी अवैध संबंध थे, जिससे सुशीला देवी नाराज रहती थीं. जबपरिवार के बाकी सदस्य, जिनमें ससुर और देवर शामिल थे, पूजा को समर्थन देने से पीछे हटने लगे, तब पूजा ने फैसला किया कि अब उसकी सास को रास्ते से हटाना ही आखिरी उपाय है. उसने अपनी बहन और प्रेमी को बुलाया, हत्या की पूरी प्लानिंग की और एक सास की जिंदगी खत्म कर दी.
पुलिस ने जांच के बाद पूजा, कामिनी और अनिल को गिरफ्तार कर लिया है. उन पर हत्या, आपराधिक साजिश और डकैती की धाराएं लगाई गई हैं. इसके अलावा पुलिस अब इस एंगल से भी जांच कर रही है कि क्या कल्याण की मौत वास्तव में सड़क दुर्घटना थी या उसमें भी पूजा की कोई भूमिका रही है. पूजा की यह कहानी महज एक आपराधिक हरकत नहीं है, बल्कि सामाजिक गिरावट का आईना है .