बिलासपुर -पति-पत्नी के झगड़े में ट्रेन बंद रूट पर चल गई और इससे रेलवे को 3 करोड़ का नुकसान हो गया। रेलवे ने पति को सस्पेंड कर दिया और इस कारण पति ने हाईकोर्ट में तलाक की अर्जी लगाई। हाईकोर्ट ने कहा, “पत्नी का ये व्यवहार मानसिक क्रूरता है। पति को तलाक मिलना चाहिए।”
मामला रोचक है। दरअसल हुआ ये कि स्टेशन मास्टर जब ड्यूटी पर था, तभी फोन पर उसकी बीवी ने झगड़ना शुरू किया। एक हाथ में मोबाइल, दूसरे हाथ में ऑफिस का फोन, जो उसके हाथ में ही था। बात दोनों तरफ चल रही थी। ऑफिस वाले फोन को होल्ड कर स्टेशन मैनेजर से पत्नी ने कहा- ऑफिस से घर आ जाओ, फिर बात करूंगी। पति ने ओके कहा।
उधर, दूसरी लाइन पर ओके सुनते ही दूसरे स्टेशन मास्टर ने ट्रेन को रवाना करने का सिग्नल दे दिया और गाड़ी उस रूट पर चली गई, जो बैन था। इससे रेलवे को 3 करोड़ का नुकसान हुआ और उसने फोन पर झगड़ने वाले स्टेशन मास्टर को सस्पेंड कर दिया।
जानिए क्या है पूरा मामला
भिलाई की रहने वाली युवती की शादी 12 अक्टूबर 2011 में हिन्दू रीति रिवाज से हुई थी। उसका पति विशाखापट्टनम का रहने वाला है और रेलवे में स्टेशन मास्टर है। पति का आरोप है कि शादी के बाद जब 14 अक्टूबर को रिसेप्शन हुआ, इस दौरान उसकी पत्नी नाखुश नज़र आ रही थी।
रात में पति ने उससे बात की, तो उसने बताया कि इंजीनियरिंग कॉलेज के लाइब्रेरियन (ग्रंथपाल) के साथ उसका अफेयर है। उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध भी बना चुकी है, जिसे वो नहीं भूल सकती। पति ने इस बात की जानकारी उसके पिता को दी। लेकिन, पिता ने भरोसा दिलाया कि वो भविष्य में ऐसा नहीं करेगी और इसकी गारंटी भी ली।
अपने ससुर की बात मानकर पति ने युवती से सबकुछ भूलने के लिए कहा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हालात यहां तक आ गए कि पत्नी अपने पति के सामने ही अपने प्रेमी से बातें करने लगी। इस बात को लेकर विवाद बढ़ने लगा। एक रात जब पति ड्यूटी पर था, तो पत्नी का फोन आया और झगड़ा होने लगा और बंद रूट पर ट्रेन चली गई।
इसके बाद पत्नी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाकर पति ने विशाखापट्टनम परिवार न्यायालय में तलाक के लिए अर्जी लगाई। इधर, पत्नी ने दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाकर कर केस दर्ज करा दिया। इस पर पुलिस ने पति, उसके 70 वर्षीय पिता, शासकीय सेवक बड़े भाई, भाभी और मौसेरे-भाई बहन के खिलाफ 498 के तहत केस दर्ज कर लिया।
इस दौरान सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पति के आवेदन को दुर्ग ट्रांसफर किया गया। दुर्ग कोर्ट से आवेदन खारिज होने पर पति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे और जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की बेंच में हुई। हाईकोर्ट ने सुनवाई में पाया कि पत्नी ने पति पर भाभी के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगाया था, जबकि याचिकाकर्ता की मां का 2004 में निधन हो गया है। उसकी शादी में भाभी ने मां की सभी रस्में निभाई थीं। पति अपनी भाभी को मां का दर्जा देता था। हाईकोर्ट में दहेज का प्रकरण साबित नहीं हो पाया।
डिवीजन बेंच ने कहा कि पति से फोन पर झगड़ा करने के कारण रेल कर्मी पति को सस्पेंड होना पड़ा। उधर, पति परिवार वालों के खिलाफ झूठी रिपोर्ट लिखाई गई और भाभी पर अवैध संबंध होने के गलत आरोप लगाए। पत्नी की ये सारी हरकतें पति के साथ मानसिक क्रूरता है। हाईकोर्ट ने परिवार न्यायालय के फैसले को खारिज करते हुए पति की तलाक की याचिका को मंजूर कर लिया।