बदलबो’ का नारा दिया। जिसे लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तंज कसा है। सीएम ने कहा कि वे तो अब छत्तीसगढ़ी, हल्बी और सरगुजिया भी, बोलेंगे क्योंकि वोट जो लेना है। वे गौठान में गर्मी के दिनों में जाकर गाय नहीं खोज रहे थे, वोट खोज रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी उम्मीद से बरसते पानी में आए थे और जिस सड़क का उद्घाटन किए, उसी सड़क में भारतीय जनता पार्टी कार्यकर्ताओं की मौत हो गई। उम्मीद थी कि पौने 5 साल बाद आए हैं, कुछ देकर जाएंगे, लेकिन झुनझुना तक नहीं मिला। केवल राज्य सरकार को गाली देकर गए।
सीएम ने कहा-मुझे तो यह अच्छा लगा, इसलिए कि प्रधानमंत्री राज्य सरकार की आलोचना कर रहे हैं, मतलब उनके बराबर हो गए, हम तो देश के प्रधानमंत्री को बहुत बड़ा मानते थे। यहां आलोचना करके, वे बराबरी में आ गए।
भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर कहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत जोर-शोर से भ्रष्टाचार का मामला उठाया गया। जीरो टॉलरेंस की बात कही गयी। मध्यप्रदेश में भी पीएम मोदी ने सीना ठोक कर कहा कि एक भी भ्रष्टाचारी को नहीं छोडूंगा। हम सोच रहे थे अब कोई भ्रष्टाचारी देश में बचेगा नहीं, लेकिन ठीक 8 दिन बाद जिन लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप थे। महाराष्ट्र में सब लोग पाला बदले और सारे के सारे मंत्री बन गए।
चाहे अजित पवार की बात करें, प्रफुल्ल पटेल की, छगन भुजबल, हसन मुशर्रफ इन पर बहुत गंभीर आरोप लगे थे और सबको बुला लिए। प्रफुल्ल पटेल अब सांसद हैं, तो केंद्रीय मंत्री बनेंगे। मगर उन सब के खिलाफ जो आरोप लगा रहे थे, अब वो गंगाजल से धूल गए और सब लोग मंत्री बन गए। इसका मतलब यह है कि किसी भी भ्रष्टाचारी को बीजेपी से बाहर देखना नहीं चाहते।
15 गुना हो गई संपत्ति
रमन सिंह 15 साल के मुख्यमंत्री जो कहते थे कि 1 साल कमीशनखोरी बंद कर दो 15 साल फिर राज करेंगे। रमन सिंह के खिलाफ कितने आरोप नान घोटाला, चिटफंड घोटाला, पनामा पेपर लीक। 2008 में उनकी संपत्ति एक करोड़ थी, 2018 आते-आते 15 करोड़ हो गई। मतलब 15 गुना वृद्धि और वे कोई अलग से काम नहीं करते, ना उनका बेटा करता है। उत्तराखंड के गढ़मुक्तेश्वर में करोड़ों का रिसॉर्ट बना है, यह किसका है, क्यों जांच नहीं कराते।
हमारी किसी भी योजना का काट बीजेपी के पास नहीं
सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की किसी योजना का जवाब बीजेपी के पास नहीं है। ना गोधन न्याय योजना, ना श्रमिक न्याय योजना, ना तेंदूपत्ता, लघु वनोपज खरीदी का और ना ही हमारे बेरोजगारी भत्ता का, किसी का इनके पास काट नहीं है। केवल 3 महीने तक यह कहेंगे कि धान हम खरीदते हैं। यही बोलते रहेंगे, छत्तीसगढ़ की जनता बहुत समझदार है, कौन साथ दे रहे हैं, कौन नहीं दे रहा है। 15 साल तक रमन सिंह किसानों को ठगते रहे, उन्हें तीन बार अवसर दिए। अब बार-बार अवसर नहीं मिलेगा।