रायपुर। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को मिली पराजय के बाद हटा दिया गया है, हालांकि कुछ और भी राज्यों में प्रभारी बदले गए हैं। लेकिन शैलजा को लेकर सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि कुछ पूर्व विधायकों ने सीधे-सीधे उन पर पैसा लेकर टिकट वितरण का आरोप लगाया है। दिल्ली जाकर उन्होने वेणुगोपाल को इसकी पूरी जानकारी भी दी है। हालांकि हार का ठीकरा प्रभारी पर पहले के चुनाव में भी फूटा है। लेकिन पैसे लेने का आरोप गंभीर है, दो पूर्व विधायकों की छुट्टी हो गई है, पर सवाल ये है कि क्या शैलजा को हटाए जाने के साथ इन आरोपों का पटाक्षेप हो गया। या फिर हार पर मचने वाले बवाल को थामने के लिए ऐसा किया गया। वैसे पीसीसी की बैठक में भड़ास तो सामने आ रहा है। इस बीच इस्तीफों का दौर भी चल रहा है। ऐेसे में चार माह बाद होने जा रहे लोकसभा चुनाव से पहले पार्टीं अपने को कैसे संभाल पायेगी? पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता अब खुलकर बोलने लगे हैं,उन्होने तो यहां कह दिया कि पुनिया, शैलजा सब हारे हुए नेता हैं। हार के बाद निराश कार्यकर्ताओं को लोकसभा से पहले कहां तक उड़ान भरवा सकते हैं, पायलट का इंतजार है।