Sunday, August 3, 2025
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राजनांदगांव के छुरिया में दिखा ब्लैक पैंथर:मां दंतेश्वरी पहाड़ी पर घूमता दिखा ,दहशत में मंदिर बंद

छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव जिले के छुरिया नगर पंचायत के मां दंतेश्वरी मंदिर के आसपास पहाड़ी पर ब्लैक पैंथर (काला तेंदुआ) नजर आया है। काले तेंदुए की मौजूदगी से मां दंतेश्वरी मंदिर को बंद कर दिया गया है। काले तेंदुए की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। कई लोग इसे दुर्भाग्य का संकेत मान रहे हैं, तो कुछ इसे रहस्यमयी घटना से जोड़कर तरह-तरह की बातें बना रहे हैं लेकिन वन विभाग के अधिकारी इलाके में काले तेंदुए की मूवमेंट से इनकार कर रहे हैं। इधर, काले तेंदुए की मौजूदगी से स्थानीय लोग डरे हुए हैं।

दरअसल, छुरिया नगर पंचायत के मां दंतेश्वरी मंदिर के आसपास पिछले कई दिनों से तेंदुआ पहाड़ी क्षेत्र में घूमता नजर आ रहा है। स्थानीय लोगों के अनुसार, तेंदुआ रोजाना शाम करीब 5 बजे मुख्य सड़क के पास की चट्टानों पर आराम करता दिखाई देता है।

जिस पहाड़ी पर तेंदुए दिखा है वहां नीचे रिहायशी इलाका है। तेंदुए की मौजूदगी से लोगों में दहशत है।
जिस पहाड़ी पर तेंदुए दिखा है वहां नीचे रिहायशी इलाका है। तेंदुए की मौजूदगी से लोगों में दहशत है।
जिस पहाड़ी पर तेंदुए दिखा है वहां नीचे रिहायशी इलाका है। तेंदुए की मौजूदगी से लोगों में दहशत है।

स्थानीय रहवासियों ने जब इसकी जानकारी वन विभाग को दी तो इस पर ध्यान नहीं दिया गया। स्थानीय लोगों ने जब इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया तो वन विभाग हरकत में आया।

वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, लेकिन वहां काले तेंदुए के कोई निशान नहीं मिले। विभाग ने इलाके में काले तेंदुए की मौजूदगी से इनकार किया है। हालांकि, इलाके में निगरानी बढ़ाने की बात कही है।

क्षेत्रवासियों का आरोप है कि विभाग की लापरवाही से किसी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। बच्चों के स्कूल जाने से लेकर मवेशी चराने तक हर काम खतरे के साए में हो रहा है। एक हफ्ते से ज्यादा बीतने के बाद भी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। ऐसे में लोगों में नाराजगी और डर दोनों बढ़ गई है।

वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि काले तेंदुए का इस इलाके में दिखना दुर्लभ जरूर है, लेकिन इसके प्रवासन (migration) पैटर्न को देखते हुए यह समझना जरूरी है कि पहाड़ी क्षेत्र में तेंदुए के लिए पर्याप्त आहार होना चाहिए। अगर उसे पर्याप्त भोजन नहीं मिलेगा, तो वह मवेशियों और इंसानों की ओर आकर्षित हो सकता है, जिससे खतरे की संभावना बढ़ जाएगी।विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि इलाके में ट्रैप कैमरे लगाए जाएं ताकि तेंदुए की गतिविधियों पर निगरानी रखी जा सके। इससे उसकी मूवमेंट का पता चल सकेगा और सुरक्षा के उपायों को बेहतर किया जा सकेगा।

फिलहाल बड़ा सवाल यही है कि वन विभाग लोगों की सुरक्षा को लेकर कब जागेगा? क्या तेंदुए की मौजूदगी को नजरअंदाज करने की बजाय विभाग कुछ ठोस कदम उठाएगा? काले तेंदुए की रहस्यमयी उपस्थिति ने पूरे इलाके को सतर्क कर दिया है, लेकिन जिम्मेदारों की चुप्पी अब भी बरकरार है। जब वन विभाग से प्रतिक्रिया मांगी गई तो अधिकारियों ने अब तक किसी भी आधिकारिक पुष्टि से बचने का रास्ता चुना है, जिससे लोगों का गुस्सा और डर और भी बढ़ गया है

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