छत्तीसगढ़ में आज बड़ा रेल हादसा होते होते टल गया है. बिलासपुर से रायपुर आ रही शालीमार लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस हादसे का शिकार हो गई. इस हादसे में तीन यात्री घायल हो गए हैं. दुर्घटना के बाद रेलवे प्रशासन मौके पर पहुंचा और हालात को काबू कर ट्रेन को रवाना किया गया.उरकुरा रेलवे स्टेशन से गुजरते समय ट्रेन से ड्रिलिंग मशीन का हेड टकराने लगा। इससे AC कोच के खिड़कियों के कांच टूट गए। इसमें 3 यात्री घायल हो गए।
30 साल के सफाई कर्मी स्टाफ नारायण चंद बाग और 30 साल के यात्री देवारी लाल धीवर को हाथ में चोट आई। दोनों यात्रियों का नारायणा हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। वहीं एक 12 साल के लड़के के आंख के पास चोट आई। नाबालिग को इलाज के बाद परिवार सहित दूसरी ट्रेन से भेजा गया।
बताया जा रहा है कि कांच और लोहे के टुकड़े की वजह से चोटें आई है। खबर मिलते ही DRM और रेलवे के सीनियर ऑफिसर मौके में पहुंचे। रेलवे अधिकारी का कहना है कि, यहां छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (CSPDCL) अवैध रूप से काम कर रहा था।
AC कोच की खिड़की टूटी
10.20 बजे खंभेनुमा पाइप के टकराने से शालीमार-लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस के कोच बी-4, बी-5, बी-6 के कांच टूट गए। इन खिड़कियों में फिलहाल कागज और खड्डा लगाकर 11:40 बजे रायपुर स्टेशन से ट्रेन को रवाना कर दिया गया।
रेलवे का पोल नहीं था- रेलवे अधिकारी
रायपुर रेलवे के सीनियर पब्लिसिटी इंस्पेक्टर शिव प्रसाद ने कहा कि, यह रेलवे का पोल नहीं था। घटना का कारण भूमिगत ड्रिलिंग सॉफ्ट का जमीन से ऊपर आकर रेल कोच से टकराना पाया गया है। यहां ड्रिलिंग का काम छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की ओर से किया जा रहा था। कांट्रैक्टर रेलवे को संज्ञान में लाए बिना रेलवे लाइन के नीचे ड्रिलिंग का काम करा रहा था।
CSPDCL ने की मानकों की अनदेखी: रेलवे
सरंक्षा और बाकी मंडलीय अधिकारियों ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। साथ ही मुख्यालय से अधिकारियों की टीम ने भी जायजा लिया है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि, CSPDCL अधिकारियों को घटनास्थल पर बुलाकर जानकारी ली गई। उनके द्वारा यह माना गया कि घटना स्थल पर निर्धारित मानकों को अनदेखा कर काम किया जा रहा था। रेलवे सुरक्षा बल ने केस दर्ज कर लिया है।
चोटिल यात्रियों से मिलने नारायणा हॉस्पिटल में मंडल रेल प्रबंधक संजीव कुमार पहुंचे। चोटिल यात्रियों से उन्होंने बात की और रेलवे द्वारा बेहतर इलाज के साथ खानपान की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए। साथ ही चोटिल यात्रियों में देवारी लाल धीवर के पिता को सहायक वाणिज्य प्रबंधक ने 50 हजार की अनुग्रह राशि सौंपी है।