रायपुर महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि, यदि हमारी शहर सरकार बनेगी, तो सरकारी हॉस्पिटल में बच्ची पैदा होने पर निगम उसके नाम पर 20 हज़ार रुपए फिक्स डिपाजिट कराएगा। नारियल के छिलके से रस्सी बनाई जाएगी। मैसूर में इसके बारे जानकारी ली है। उन्होंने सरकार से राजधानी में कलेक्टर रैंक से ऊपर वाले IAS अधिकारियों की नियुक्ति करने की मांग की है।
दरअसल, एजुकेशनल टूर से वापस लौटकर मेयर एजाज ढेबर ने शनिवार को मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि, वहां सफाई कर्मचारियों को सुबह नाश्ते की सुविधा दी जाती है। इन सभी प्रस्ताव को MIC और सामान्य सभा में पास कर लागू करेंगे।
महापौर ने कहा कि, बेंगलुरु सिटी हेल्थ, वाटर जैसे अलग-अलग डिपार्टमेंट के बोर्ड बने हुए हैं। जहां एक आईएएस की नियुक्ति की गई है। लेकिन हमारे छत्तीसगढ़ का दुर्भाग्य है कि सरकार रायपुर निगम को IAS की प्रयोगशाला समझती है। रायपुर निगम IAS का एक्सपेरिमेंट सेंटर नहीं होना चाहिए। IAS के लिए यह स्कूल नहीं बल्कि यूनिवर्सिटी होनी चाहिए।
यहां सीनियर कलेक्टर रैंक से ऊपर सचिव रैंक के अधिकारियों की नियुक्ति होनी चाहिए। कमिश्नर जिनकी नियुक्ति होती है, वो कुछ समय के लिए काम करते हैं। फिर उनका ट्रांसफर कर दिया जाता है। ऐसे में काम प्रभावित, काम की क्वालिटी और स्पीड में विराम लगता है।
सभापति प्रमोद दुबे ने कहा कि, हमने भ्रमण के दौरान देखा कि वहां पुराने बकाया टैक्स वसूलने के लिए वन टाइम सेटलमेंट की व्यवस्था है। जिससे उन्हें एक बार में बड़ा राजस्व मिलता है। रायपुर में भी बहुत बकायादार है। वह व्यवस्था रायपुर में लागू होगी, तो रायपुर निगम को बड़ा टैक्स एक बार में मिलेगा।
दुबे ने कहा कि, मैसूर और बेंगलुरु में खाली प्लाट में टैक्स लिया जाता है। वहां 15 से 20 पैसे प्रति स्क्वायर फीट की दर से खाली प्लाट में टैक्स लगता हैं। इसे भी रायपुर शहर में लागू किया जाएगा तो निगम को राजस्व की प्राप्त होगी।
नेता प्रतिपक्ष मीनल चौबे के एजुकेशनल टूर को मौज मस्ती बताने पर मेयर एजाज ढेबर ने कहा कि, इसके पहले जो शैक्षणिक टूर हुए है, उसमें मीनल चौबे भी गई है। वर्तमान टूर के लिए उनकी टिकट भी हो गई थी, लेकिन वे किसी कारणवश नहीं गई, उनके बयान पर मैं ज़्यादा टीका टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं।
एजुकेशनल टूर में अपने सेशन के बाद पार्षद अगर डांस कर रहे हैं, गाना गा रहे तो मुझे नहीं लगता यह मौज मस्ती है।