इंदर कोटवानी
पुलिस दंगाइयों के सामने लाचार क्यों हो गई..
बलौदाबाजार जिले में सोमवार को कलेक्ट्रेट और SP ऑफिस में आगजनी की घटना ने पूरे छत्तीसगढ़ को हिलाकर रख दिया है। हिंसा के 24 घंटे के बाद अब पुलिस प्रशासन एक्शन में आई है, आगजनी के मामले में पुलिस ने 100 से भी अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, दंगे की जांच के लिए सीएसटी बनाई गई है.बलौदाबाजार में अब शांति है,एहितियात के तौर बड़ी संख्या में शहर में पुलिस तैनात की गई है, इस वक्त धारा 144 लगा हुआ है। इस हिंसात्मक आंदोलन में जहां कलेक्टर एसपी कार्यालय को आग के हवाले कर दिया गया वहीं सैकड़ो की संख्या में दुपहिया और चार पहिया वाहन भी जले हैं,कई पुलिस कर्मी भी घायल है।इतनी बड़ी घटना एसपी और कलेक्टर के सामने होने के बाद भी आखिर पुलिस दंगाइयों के सामने लाचार क्यों हो गई ?..यह एक बड़ा सवाल है ..
छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार में गिरौदपुरी के मानाकोनी के धार्मिक स्थल पर जैतखाम तोड़-फोड़ करने वालो पर कार्रवाई मांग को लेकर हुई हिंसक घटना ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है.. इस घटना में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद दिखे की वे पुलिस पर हमला करने से भी नहीं डरे। और उनके हमले से पुलिस को भी मैदान छोड़कर भागना पड़ा। इस घटना ने पूरे प्रदेश को झकझोर करके रख दिया है। प्रदर्शन के दौरान आखिर ऐसा क्या हुआ कि प्रदर्शनकारी उत्तेजित हो गए।या फिर यह कहा जाए की इस तरह की घटना को अंजाम देने के लिए पहले से ही प्लान कर हमले का इंतजाम कर लिया था ?मौका ए वारदात के दौरान दंगाइयों के हाथों में लाठियां दिख रही है . पुलिस अधिकारियों और सुरक्षा के लिए तैनात पुलिस कर्मियों के सामने आखिर प्रदर्शनकारी लाठी डंडे लेकर कैसे पहुंच गए।
17 मई से ही सतनामी समुदाय के लोगों का शांतिपूर्ण प्रदर्शन चल रहा था। 15 मई को गिरौदपुरी के मानाकोनी स्थित सतनामी समाज के धार्मिक स्थल पर जैतखाम खंडित तोड़-फोड़ करने वालो के खिलाफ कार्रवाई करने और घटना की जाँच केंद्रीय एजेंसी से कराने की मांग कर रहे थे. हलाकि पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। समाज के लोगों का आरोप है कि पकड़े गए लोग असली आरोपी नहीं हैं, और पुलिस दोषियों को बचा रही है। यहा यह भी एक सवाल उठ रहा है कि आरोपियों को सालखो के पीछे भेजने के बाद भी आखिर यह आरोप पुलिस पर क्यों लग रहा कि जेल भेजे गए युवक आरोपी नही है? क्या इसके पीछे कोई राजनीति है ..या पुलिस की कोई चाल ?..।बीते 5 दिनों से धरने पर बैठे समाज के लोग इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। इस बीच सतनामी समाज ने सोमवार को दशहरा मैदान में विरोध-प्रदर्शन करने की बात कही थी, साथ ही जिलाधिकारी कार्यालय के घेराव का आह्वान भी किया था.जबकि समाज की मांग पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए थे.उसके बाद भी इतनी बड़ी हिंसक घटना घट गई।
इस हिंसक घटना का असली मास्टरमाइंड कौन है?
इस हिंसक घटना का असली मास्टरमाइंड कौन है? दंगाइयों ने घात लगाकर कैसे किया पुलिस पर हमला,और दफ्तर में आग लगा दी?और दंगाइयों ने पुलिस पर पत्थर बरसाए.बावजूद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई नहीं की? ऐसे कई सवाल है जो इस मामले से जुड़े हुए हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री ने इस घटना को गंभीरता से लिया है, और जांच के आदेश दिए हैं। पुलिस भी अब पूरे एक्शन में आ गई है और गिरफ्तरियां शुरू कर दी है, लेकिन पुलिस अगर पहले ही मुस्तैदी दिखाई तो शांत छत्तीसगढ़ को शर्मसार करने वाली इस हिंसक घटना से बचा जा सकता था।
इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के गृहमंत्री विजय शर्मा ने हमेशा अच्छे कार्यों के लिए पुलिस की पीठ थपथपाई है और जहां भी कोई बड़ी घटना घटी है वे स्वयं वहां पहुंचे हैं, और लोगों का हाल-चाल जाना है..उनके आंसुओं को पोछा है.नक्सलियों को मार गिराने जवानो के बीच जाकर उनको भी शाबाशी देते दिखे है, बारूद फैक्ट्री में दिवंगत लोगो के परिजनों को सांत्वना देने के साथ हमेशा सहयोग देने की बात करने वाले होम मिनिस्टर की अधीनस्थ बलोदा बाजार पुलिस अधिकारियों एवं पुलिस ने जो लापरवाही बरती है,वह अक्षम्य है.दोषियों पर भी कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए फिर से इस तरह की हिंसक घटना को अंजाम देने हिम्मतन कर सके.
गृह मंत्री जी को इस हिंसक घटना के मास्टरमाइंड का भी पता करना होगा.
सतनामी समाज के गुरु और आरंग के विधायक गुरु खुशवंत सिंह ने भी कहा है कि निश्चित रूप से इस हिंसक वारदात के पीछे कोई मास्टरमाइंड है,क्यों इस तरह के हिंसक घटनाओं में सतनामी समाज कभी शामिल नहीं हो सकता है.ना ही सोच सकता है. इनके पीछे निश्चित रूप से कोई मास्टरमाइंड है। युवा विधायक ने समाज के साथ क्षेत्र के अन्य सभी समाज लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा- एसपी
एसपी ने बताया कि उपद्रवी डीएम कार्यालय के परिसर में भी घुस गए. वहां भी तोड़फोड़ की. कार्यालय में आग लगा दी. वाहनों को आग के हवाले कर दिया. एसपी ने कहा कि घटना से संबंधित वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान की जा रही है. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. हिंसा में कितना नुकसान हुआ है, इसका आकलन किया जा रहा है. बलौदा बाजार हिंसा की जांच शुरू कर दी गई है.